After two months in Indore, information about the death of the patient from Kovid-19
File Photo

Loading

नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोविड-19 से मौत का आंकड़ा 398 तक पहुंच गया है। इस घातक वायरस के संक्रमण के कारण पिछले एक महीने में 82 लोगों की मौत हुई है। राजधानी में 1,106 नये मामलों के साथ ही संक्रमितों की कुल संख्या 17 हजार के पार हो गयी है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एवं स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 82 मौतों में से 13 लोगों की मौत 27 मई को हुयी है। सिसोदिया ने कहा, ‘‘बाकी के 69 लोगों की मौत 34 दिन में हुयी है। ये मामले विभिन्न अस्पतालों द्वारा देर से सूचित करने या अधूरी सूचनाएं देने के कारण, अब जा कर दर्ज किए जा रहे हैं। ” उन्होंने कहा कि इन 69 मौतों में से 52 लोगों की मौत सफदरजंग अस्पताल में हुयी है। कुछ दिनों पहले अधिकारियों द्वारा एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई ।

उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘दिल्ली मृत्यु लेखा समिति (डीडीएसी) ने इन सभी मामलों को देखा है और तब यह आंकड़े दिये हैं। इस प्रकार, इसमें एक बार में 82 मौतों की बढ़ोत्तरी हुयी है।’ जैन ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ कर 398 हो गयी है। उन्होंने बताया कि 12 से बीस मई के बीच प्रति दिन एक-एक मौत हुयी है । जैन ने बताया कि राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,106 नए मामले सामने आये हैं। इसके साथ ही दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 17 हजार के पार हो गयी है। उन्होंने बताया कि इस संक्रमण से अब तक 7,846 लोग उबर चुके हैं। नए मामले दिल्ली में एक दिन के अब तक के सबसे अधिक मामले हैं। यह पहला मौका है जब दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले एक दिन में 1100 से अधिक आये हैं। राजधानी में 28 मई को 1,024 मामले सामने आये थे, जिससे कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या 16 हजार से अधिक हो गयी थी। दिल्ली में बृहस्पतिवार को जारी बुलेटिन में दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने कहा था कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या 316 हो गयी है और कुल संक्रमित लोगों की संख्या 16,281 पर पहुंच गयी है।

राजधानी में 1,106 नए मामले सामने आने के साथ ही यहां संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 17,387 हो गयी है। जैन ने बताया कि अस्पतालों में करीब 21 हजार बिस्तर उपलब्ध हैं, निजी स्वास्थ्य केंद्रों में 1400 जबकि सरकारी अस्पतालों में 3700 बिस्तर उपलब्ध हैं। बहरहाल, दिल्ली के दो और सरकारी अस्पतालों को कोविड-19 अस्पताल घोषित किया गया है। ये दोनों अस्पताल- दीपचंद बंधु अस्पताल और सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल हैं। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के आदेश के अनुसार, दोनों अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों को दो जून तक उन्हें कोविड-19 अस्पतालों में बदलने का निर्देश दिया गया है। वर्तमान में, दिल्ली सरकार के एलएनजेपी अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए निर्धारित किए गए हैं। एक अन्य आदेश में अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा कोविड-19 अस्पतालों से पांच होटलों को जोड़ा गया है, ताकि उनका मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जा सके।

सिसोदिया ने लोगों से अपील की कि दहशत में आने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि सरकार ने सभी इंतजाम किये हैं। भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली में हर दिन जिस तेजी से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, उसने अरविंद केजरीवाल सरकार की “काल्पनिक” स्वास्थ्य प्रणाली की वास्तविकता को लोगों के सामने ला दिया है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि यह बहुत चौंकाने वाला है कि देश में कोरोना वायरस के मामलों में राष्ट्रीय राजधानी तीसरे स्थान पर पहुंच गई है।

इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर शुक्रवार को कहा, ‘’मेरे दिल्ली वासियों, अगर आपको कोरोना वायरस का संक्रमण होता है तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। आपमें से अधिकतर का इलाज घर पर ही पृथक-वास में हो सकता है। फिर भी अगर आपको अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है तो हमारी पूरी तैयारी है। मैं ईश्वर से आपके बेहतर स्वास्थ्य एवं प्रसन्नता के लिये प्रार्थना करता हूं।” केजरीवाल ने कहा, ‘‘ऐसे कोरोना मरीज, जिनमें या तो लक्षण नहीं हैं या फिर मामूली लक्षण हैं, वह घर पर ही ठीक हो सकते हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है।”