नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Bill) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कमेटी बनाने के निर्णय को मानने से किसान संगठनों (Farmer Organizations) ने इनकार (Reject) कर दिया है। सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर आयोजित प्रेस वार्ता में संयुक्त किसान संगठन (Joint farmers organization) ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट का कमेटी बनाने का मतलब मामला बस्ते में जैसा। हम किसी के सामने नहीं होंगे पेश।”
केंद्र अपने कंधे से बोज हटा रही
क्रांतिकारी किसान यूनियन प्रमुख दर्शन पाल ने कहा, “हमने कल रात एक प्रेस नोट जारी किया था जिसमें कहा गया था कि हम मध्यस्थता के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित किसी भी समिति को स्वीकार नहीं करेंगे। हमें विश्वास था कि केंद्र उनके कंधों से बोझ उठाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से एक समिति का गठन करेगा।”
We’d issued a press note last night stating that we won’t accept any committee formed by Supreme Court for mediation. We were confident that Centre will get a committee formed through Supreme Court to take the burden off their shoulders: Krantikari Kisan Union chief, Darshan Pal pic.twitter.com/KDJgmIcnib
— ANI (@ANI) January 12, 2021
आंदोलन हमेशा की तरह आगे बढ़ेगा
भारतीय किसान यूनियन (आर) के बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, “हमने कल ही कहा था कि हम ऐसी किसी समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे। हमारा आंदोलन हमेशा की तरह आगे बढ़ेगा। इस समिति के सभी सदस्य सरकार समर्थक हैं और सरकार के कानूनों को सही ठहरा रहे हैं।”
We had said yesterday itself that we won’t appear before any such committee. Our agitation will go on as usual. All the members of this Committee are pro-govt and had been justifying the laws of the Government: Balbir Singh Rajewal, Bhartiya Kisan Union (R) https://t.co/KE9vMGUKjl pic.twitter.com/n2FFh5oj9k
— ANI (@ANI) January 12, 2021
26 जनवरी का प्रोग्राम पूरी तरह शांतिपूर्ण
बलबीर सिंह ने कहा, “हमारा 26 जनवरी का प्रोग्राम पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा, जिस तरह से भ्रम फैलाया जा रहा है जैसे किसी दुश्मन देश पर हमला करना हो, ऐसी गैर ज़िम्मेदार बातें संयुक्त किसान मोर्चा की नहीं हैं। 26 जनवरी के प्रोग्राम की रूपरेखा हम 15 जनवरी के बाद तय करेंगे।”
वहीं दर्शन पाल ने कहा, “कल हम लोहड़ी मना रहे हैं जिसमें हम तीन कृषि क़ानूनों को जलाएंगे, 18 जनवरी को महिला दिवस है और 20 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश उत्सव है।”
अदालत ने चार सदस्यीय समिति बनाई
ज्ञात हो कि, सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों के विरोध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए तीनों कानूनों को अस्थाई रोक लगा दी है। इसी के साथ कोर्ट ने कानून को लेकर जमीनी हकीक़त जानने के लिए कृषि अर्थ शास्त्री अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति बनाने का ऐलान किया है। इसी के साथ अदालत ने बीकेयू के अध्यक्ष जीतेंद्र सिंह मान, अंतरराष्ट्रीय नीति प्रमुख डॉ. प्रमोद कुमार जोशी और महाराष्ट्र शेतकरी संगठन के अनिल गणवत को सदस्य बनाया है। समिति जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट कोर्ट को देगी।
दो महीनों में पेश करे रिपोर्ट
कोर्ट से बनाई समिति को डी महीने के अंदर अपनी सिफारिशों को अदालत के सामने पेश कर ने का आदेश दिया है। इस क्रम में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए आगामी 10 दिन के अंदर राजधानी दिल्ली में पहली बैठक करेगी।
वापस जाए प्रदर्शनकारी
सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर रोक लगाने के आदेश के बाद कहा, “कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगाने के बाद किसान संगठन अपने अपने सदस्यों को अपनी आजीविका पर वापिस जाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इसी के साथ कोर्ट से किसानों को शांतिपूर्वक और किसी भी अप्रिय घटना के बिना कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने की इजाजत दी है।
अदालत ने आगे कहा, “नए कृषि कानूनों को लागू करने से पहले तक मौजूदा समय में लागू न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को अगले आदेश तक बनाए रखा जाएगा।”