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नयी दिल्ली. भाजपा ने बृहस्पतिवार को जोर दिया कि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन लागू किया ताकि कोविड-19 के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत की संभावना को रोका जा सके और साथ ही इस अवधि में महामारी से निपटने के लिये स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे का निर्माण किया जा सके । भाजपा ने उद्योगपति राजीव बजाज की उन टिप्पणियों को तवज्जो नहीं दी जिसमें उन्होंने महामारी से निपटने के तरीकों एवं अर्थव्यवस्था पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का जिक्र करते हुए इसकी आलोचना की थी ।

बजाज ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से संवाद के दौरान यह बात कही थी । इस पर केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि स्वास्थ्य संकट को लेकर बजाज कोई विशेषज्ञ नहीं हैं । भाजपा प्रवक्ता (आर्थिक मामला) गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि राहुल गांधी ने बातचीत के दौरान बजाज का इस्तेमाल अपने विचारों के लिये किया, जैसा कि विपक्ष के नेता अपने अधिकांश संवाद में करते हैं ।

उन्होंने कहा, ‘‘ सभी को अपना विचार व्यक्त करने का अधिकार है लेकिन राजीव बजाज कोविड-19 और इससे निपटने के विषय पर कोई विशेषज्ञ नहीं हैं । ” भाजपा नेता अमित मालवीय ने उद्योपति पर चुटकी लेते हुए कहा कि उन्होंने महामारी से निपटने के लिये लॉकडाउन लागू नहीं करने की स्वीडन की रणनीति की सराहना की जबकि देश के मुख्य महामारी विशेषज्ञ ने इसे गलती बताया था । वहीं, अग्रवाल ने कहा कि कई देश महामारी को लेकर अपनाये गए रूख में विफल रहे और इसका कोई तय पैटर्न नहीं है । भाजपा नेता ने कहा कि सभी लोग जानते हैं कि लॉकडाउन कोई उपचार नहीं है ।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन ने भारत को समय दिया कि वह महामारी से निपटने के लिये कमजोर स्वास्थ्य आधारभूत ढांचे को मजबूत बना सके । जब 25 मार्च को लॉकडाउन शुरू हुआ तब भारत के पास पीपीई निर्माण या फेस मास्क निर्माण की क्षमता नहीं थी और आयात पर निर्भर था । अब यह आधारभूत ढांचा तैयार कर लिया गया है । अग्रवाल ने कहा कि महामारी की गंभीरता के कारण लॉकडाउन लागू नहीं भी होता, तब भी अर्थव्यवस्था प्रभावित होती । सरकार के पास लोगों के जीवन को बचाना प्राथमिकता थी और उसने ऐसा ही किया । (एजेंसी)