Mucormycosis

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    नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के संकट के बीच ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) (Black Fungus (Mucormycosis) ने टेंशन बढ़ा दिया है। इस नई बीमारी की चपेट में आठ हजार से भी ज्यादा लोग आ चुके हैं, जिनमे से कैईयों की आँखें निकालनी पड़ी है। वहीं कई लोग लोगों की मौत भी हो चुकी है। संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते कई राज्यों ने इस बीमारी को महामारी भी घोषित कर दिया हैं। जिसमें हरियाणा, गुजरात, यूपी और पंजाब समेत करीब 14 राज्य शामिल है।

    कहा कितने मिले ब्लैक फंगस के मामले?

    देशभर में ब्लैक फंगस के अब तक 8,094 मामले सामने आए हैं। जिसमें सबसे ज्यादा 2281 मामले गुजरात में मिले हैं। इसके बाद नंबर आता है महाराष्ट्र का, यहां ब्लैक फंगस से 2000 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में 910 मामले, मध्य प्रदेश में 720, राजस्थान में 700, कर्नाटक में 500, दिल्ली में 197, उत्तर प्रदेश में 124, तेलंगाना में 350, हरियाणा में 250, पश्चिम बंगाल में 6 और बिहार में 56 मामले सामने आए हैं।     

    14 राज्यों में महामारी घोषित?

    ब्लैक फंगस कोरोना मरीजों में तेजी से फैल रहा हैं। ऐसे में हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान, ओडिशा, बिहार, चंडीगढ़, उत्तराखंड, तेलंगाना समेत करीब 14 राज्यों में इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया गया है।

    ब्लैक फंगस के लक्षण?

    नाक में दिक्कत महसूस होना, सिरदर्द होना, चेहरे के एक हिस्से में दर्द महसूस होना या वो सूज जाना, चेहरा सुन्न पड़ना, चेहरे का रंग बदलना, पलकों पर सूजन आना, दांत हिलने लगना यह सब ब्लैक फंगस को पहचानने के लक्षण है। अगर ऐसा हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाए। 

    अगर ब्लैक फंगस ने फेफड़े पर किया अटैक?

    अगर ब्लैक फंगस ने फेफड़े पर अटैक किया तो आपको बुखार, सांस लेने में दिक्कत, कफ, खंखार में खून आना, सीने में दर्द और धुंधला दिखाई देने लगता है। ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। दवाइयों से इसका इलाज संभव है। साथ ही कुछ मौकों पर सर्जरी भी करनी पड़ती है। इसलिए अगर आपको डायबिटीज है और कोरोना से संक्रमित हो गए हैं तो अपना ब्लड शुगर नियमित तौर पर चेक करते रहें और शुगर की दवाई बिल्कुल संभल कर लें।

    कितना खतरनाक है ब्लैक फंगस?

    यह वायरस यह नाक या मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। दूसरे चरण में यह आंख को प्रभावित करता है और तीसरे चरण में यह दिमाग पर अटैक करता है। इसके इलाज के लिए चार से छह हफ्ते तक दवाइयां लेनी पड़ती हैं। गंभीर मामलों में तीन-तीन महीने तक इलाज चलता है।

    ब्लैक फंगस के लिए क्या है दवा?

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ब्लैक फंगस से उत्पन्न होने वाले रोग म्यूकर माइकोसिस के उपचार के लिए ‘एंफोटेरिसिन-बी’ दवा है। इस दवा के उत्पादन के लिए पांच और कंपनियों को लाइसेंस दिया गया है और वे जुलाई से हर महीने इस दवा की 1,11,000 शीशियों का उत्पादन शुरू करेंगी।

    वाइट फंगस ने भी दस्तक

    भारत में ब्लैक फंगस के बाद वाइट फंगस ने दस्तक दे दी है। वाइट फंगस का पहला मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर में मिला। 55 वर्षीय व्यक्ति में कोविड-19 (Covid-19) से ठीक होने के बाद ‘व्हाइट फंगस’ (White Fungus) संक्रमण का पता चला है। संभवत: इस बीमारी का यह पहला मामला है। प्रदेश के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।