Corona graph is continuously coming down in the country, 4,362 new cases surfaced in the last 24 hours, 66 more people died
File Photo

    Loading

    मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना का कहर लगातार जारी है। हालात ये हैं कि इस समय महाराष्ट्र देश के सबसे अधिक कोरोना (Corona Virus) प्रभावित राज्यों में से एक है। ऐसे में राज्य भर में सख्त पाबंदियां लगा दी गई हैं लेकिन बावजूद इसके महाराष्ट्र में लगातार कोरोना केस बढ़ते जा रहे हैं। गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में 61,695 नए मामले सामने आए हैं और इस वायरस की चपेट में आने से 349 लोगों की मौत हुई है। वहीं 53,335 लोग पिछले 24 घंटों में ठीक हुए हैं।  वहीं देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में भी रोज़ाना कोरोना के डरा देने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं। गुरुवार को बीएमसी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, शहर में पिछले 24 घंटों में 49 लोगों की मौत हुई है जबकि 8,217 नए केस सामने आए हैं।

    इसी बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने केंद्र सरकार (Central Government) को एक पत्र लिखकर कहा है कि, राज्य में अगले 15 दिनों में कोविड-19 (Covid-19) के उपचाराधीन मरीजों की संख्या दोगुनी होने की आशंका है। ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखते हुए कहा है कि, महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक उपचाराधीन मरीजों की संख्या 11.9 लाख होने की आशंका है। जबकि इस समय उपचाराधीन मरीजों की संख्या 5.64 लाख है।

    सीएम ने अपने इस लेटर में केन्द्र से अनुरोध किया है कि वह कोविड-19 को प्राकृतिक आपदा माने जिससे सरकार राज्य प्राकृतिक आपदा कोष (एसडीआरएफ) का उपयोग प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता देने में करे। बता दें कि, राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम का गठन केंद्रीय आपदा प्रबंधन कानून के हिस्से के तौर पर किया गया था, इसलिये महामारी प्रभावित लोगों की मदद के लिये एसडीआरएफ के उपयोग को लेकर राज्य को केंद्र सरकार की मंजूरी की आवश्यकता है।

    दरअसल, राज्य में मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता अप्रैल-अंत तक 2,000 मीट्रिक टन प्रतिदिन तक पहुंचने का अनुमान है जिसकी मौजूदा खपत 1,200 मीट्रिक टन प्रतिदिन है। पड़ोसी राज्यों से तरल चिकित्सा ऑक्सीजन के परिवहन में कुछ बाधाओं का हवाला देते हुए ठाकरे ने देश के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों में इस्पात संयंत्रों से ऑक्सीजन को हवाई मार्ग से लाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अनुमति मांगी है।