नयी दिल्ली. कांग्रेस ने रविवार को कहा कि यह कहना गलत है कि किसानों का विरोध प्रदर्शन पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों तक ही सीमित है तथा इस आंदोलन को ‘राजनीतिक’ करार देना देश के अन्न-उत्पादकों का अपमान है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि मोदी सरकार को अपना ‘अहंकार’ त्याग देना चाहिए और ‘काले कानूनों’ को वापस लेकर अपने राजधर्म का पालन करना चाहिए क्योंकि ये कानून कृषि क्षेत्र एवं कृषकों की आजीविका पर खतरा पैदा करते हैं।
उन्होंने कहा, “यह केवल 62 करोड़ किसानों की आजीविका एवं जिंदगी की नहीं बल्कि 120 करोड़ लोगों की लड़ाई है जो किसानों द्वारा उगायी जाने वाले अनाज खाते हैं। प्रदर्शन को राजनीतिक करार देना देश के अन्न-उत्पादकों का बड़ा अपमान है। मोदी सरकार को अहंकार त्यागकर राजधर्म का पालन करना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “यह कहना गलत है कि किसानों का विरोध प्रदर्शन पंजाब और हरियाणा तक ही सीमित है। इन काले कानूनों से समूचा देश प्रभावित है। मध्यप्रदेश में मंडियों में कारोबार घटने से एक साल में बोर्ड की कर वसूली 1200 करोड़ रूपये से घटकर 220 करोड़ रह गयी है।”
मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कृषि कानून बनने के बाद अकेले मध्यप्रदेश में 47 मंडियां और 298 उपमंडियां बंद हो गयीं।
मंत्रियों ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को खालिस्तानी, पाकिस्तानी और चीनी एजेंट, माओवादी और नवीनतम टुकडे टुकडे गिरोह का बताया।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 13, 2020
उधर वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम ने कहा, “मंत्रियों ने कृषि कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को खालिस्तानी, पाकिस्तान और चीन के एजेंट, माओवादी और टुकड़े टुकड़े गैंग करार दिया है।”
यदि आप इन सभी श्रेणियों से थक चुके हैं, तो इसका मतलब है कि हजारों प्रदर्शनकारियों के बीच कोई किसान नहीं हैं!
अगर किसान नहीं हैं, तो सरकार उनसे बात क्यों कर रही है?— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 13, 2020
उन्होंने ट्वीट किया, “यदि आपकी ये सारी श्रेणियां खत्म हो गयी हों तो इसका मतलब है कि हजारों प्रदर्शनकारियों में किसान नहीं हैं। यदि किसान नहीं हैं तो सरकार उनसे बातचीत क्यों कर रही है।”
इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पेट्रोल के बढ़ते दाम को लेकर सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि पेट्रोल पर कर से होने वाली कमाई सेंट्रल विस्टा परियोजना,प्रधानमंत्री के लिए नये विमान खरीदने एवं प्रचार पर खर्च की जा रही है।