Mehul Choksi
File Photo

    Loading

    रोसो: भगोड़े हिरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) के प्रत्यर्पण (Extradition) को लेकर डोमिनिका कोर्ट (Dominican Court) में सुनवाई समाप्त हो गई है। अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कल तक अपना फैसला टाल दिया है। जिसके अनुसार कोर्ट अब कल चोकसी को भारत (India) भेजना है या नहीं इस पर अपना निर्णय सुनाएगी। सुनवाई के दौरान भगोड़े चौकसी ने कहा कि, वह  डोमिनिका में सुरक्षित नहीं है।”

    ज्ञात हो कि, पंजाब नेशनल बैंक सहित अन्य बैंकों से 13,000 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए का फ्रॉड कर मेहुल चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी विदेश भाग गया था। नीरव जहां लंदन गया, वहीं चोकसी एंटीगुआ में शरण ली। 23 मई को मेहुल वहां से भाग कर डोमिनिका पहुंचा गया, लेकिन वहां उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जहां उसे जेल में रखा गया है और भारत प्रत्यर्पण की तैयारी किया जा रहा है। 

    मेरे पति महिला को जानते थे

    मेहुल चोकसी की पत्नी प्रीति चोकसी ने मीडिया में चल रही महिला को लेकर कहा कि वह उसे जानतीं थी। उन्होंने कहा, “महिला मेरे पति को जानती थी, जब वह एंटीगुआ आती थी तो वह मेरे पति से मिलने जाती थी। उनसे मिलने वाले लोगों से मैंने जो समझा है, मीडिया चैनलों पर दिखाई गई महिला वही महिला नहीं है जिसे वे बारबरा के नाम से जानते थे।”

    मानवाधिकारों की किया उल्लंघन 

    चोकसी की पत्नी ने कहा, “जिस चीज ने परिवार को पीड़ा दी है, वह है शारीरिक प्रताड़ना और मेरे पति के मानवाधिकारों की पूर्ण अवहेलना। अगर कोई वास्तव में उसे जीवित वापस चाहता था, तो उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और उसका दुरुपयोग करने की आवश्यकता क्यों थी?”

    मेरे पति एंटीगुआ और बारबुडा के नागरिक 

    प्रीति चोकसी ने आगे कहा, “मेरे पति को कई स्वास्थ्य समस्याएं हैं। वह एक एंटीगुआन नागरिक है और एंटीगुआ और बारबुडा संविधान के अनुसार सभी अधिकार, सुरक्षा प्राप्त करता है। मुझे कैरेबियाई देशों के कानून के शासन में पूरा विश्वास है। हम जल्द से जल्द एंटीगुआ में उनकी सुरक्षित और सही वापसी का इंतजार कर रहे हैं।”

    मामला केवल अवैध प्रवेश का 

    मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि, “अदालत के सामने केवल यह सवाल है कि क्या उसने अवैध रूप से डोमिनिका में प्रवेश किया या नहीं, क्या उसे हिरासत में लिया जा सकता है। क्या डोमिनिकन पुलिस को उसे हिरासत में रखने का अधिकार है। उसे कैसे प्रत्यर्पित किया जाएगा यह अदालत के सामने सवाल नहीं है।”