महात्मा गाँधी पर हेगड़े के बयान से बीजेपी बैकफुट पर, प्रधानमंत्री नाराज

नयी दिल्ली, अनंत हेगड़े का महात्मा गाँधी पर दिया गया बयान अब उनके लिए गले की फांस बनते जा रहा है। इस बयान के चलते अब खुद उनकी पार्टी, बीजेपी ने ही खुद उन्हें आज होने वाली संसदीय दल की बैठक में आने से

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नयी दिल्ली, अनंत हेगड़े का महात्मा गाँधी पर दिया गया बयान अब उनके लिए गले की फांस बनते जा रहा है। इस बयान के चलते अब खुद उनकी पार्टी, बीजेपी ने ही खुद उन्हें आज होने वाली संसदीय दल की बैठक में आने से मना कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी खुद अनंत हेगड़े के इस गैरजिम्मेदाराना बयान से खासे क्षुब्ध हैं।

विदित हो कि विगत शनिवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में एक सभा को सम्बोधित करते हुए अनंत कुमार हेगड़े ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और महात्मा गाँधी पर टिपण्णी की थी कि "स्वतंत्रता संग्राम महात्मा गाँधी द्वारा रचा गया मात्र एक नाटक था। इस पुरे संग्राम को बाकायदा, ब्रिटिश सरकार की अनुमति और समर्थन प्राप्त था"। यही नहीं उन्होंने ये भी कहा था कि "गाँधी का उपवास और सत्याग्रह महज के फिजूल का नाटक ही था। कांग्रेस वाले तो यह भी कहते हैं की गाँधी के आमरण अनशन और सत्यग्रह से भारत को आजादी मिली है। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था अपितु अंग्रेज अपनी निराशा के चलते भारत छोड़ कर गए थे"।

हेगड़े की इस बयान से कांग्रेस का क्षुब्ध होना लाजमी था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर गिल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘महात्मा गांधी को अंग्रेजों के चमचों और जासूसों के कैडर से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि इस समय बीजेपी को ‘नाथूराम गोडसे पार्टी’ कहा जाना चाहिए।

वहीं बाला साहब थोराट ने कहा कि "बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े का बयान अति अशोभनीय है और यह बीजेपी नेतृत्व के बौद्धिक अक्षमता का परिचायक है। यह वही बीजेपी है जिनके मातृ संगठन, आरएसएस ने अंग्रेजों के साथ मिलकर स्वतंत्रता संग्राम का तमाम तरीके से विरोध किया था"। श्री थोराट ने यह भी कहा की "हेगड़े का बयान बीजेपी का असली राष्ट्रविरोधी ‘चेहरा’ दिखाता है। यह वही लोग हैं जो ‘नाथूराम गोडसे’ जैसे लोगो को अपना आदर्श मानते हैं।" वहीं राज्य के मंत्री और राकांपा के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल का कहना है कि हेगड़े का यह बयान स्वतंत्रता आंदोलन का अपमान करने जैसा है।वहीं एनसीपी ने कहा है कि बीजेपी जहाँ महात्मा गाँधी के नाम प्रयोग कर सत्ता में लौटी अब वही अब खुद उनका अपमान कर रही है। अगर प्रधानमंत्री मोदी अपने इस सांसद के विचारों से असहमत हैं तो उन्हें खुद अनंत कुमार हेगड़े को पार्टी से निष्कासित कर एक मिसाल कायम करना चाहिए।

चाहे जो हो लेकिन इतना तो तय है कि अनंत कुमार के इस बयान के कारण बीजेपी थोड़ी बैकफुट पर गयी है जिसकी कुछ भरपाई करते हुए उन्होंने अनंत कुमार को संसदीय बैठक में आने से मना किया है। लेकिन इतना तो तय है की बीजेपी को थोड़ा वैचारिक मंथन तो करना होगा क्यूंकि इस प्रकार के बयानबाजी से पार्टी की किरकिरी तो होती ही है। वही बैठेबिठाए विरोधियों को राजनीती करने का एक नया मुद्दा वह खुद या उनके सांसद बनाकर दे देते हैं।