सर पर बिजली कड़क रही हो, तो भूलकर भी न करे ये काम, जानें कैसे करें बचाव

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    नई दिल्ली : बिजली एक वो जो हमारे घर को रोशन करतीं हैं और एक वो जो हमारी जान लेती हैं आम दोनों की भूमिकाएं अलग हैं लेकिन आकाश से गिरने वाली बिजली बेहद घातक साबित हो सकती है, अगर आप उससे नहीं बचे तो। आकाशीय बिजली गिरने से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान में 68 लोगों की मौत हो गई है।

    हर साल बिजली गिरने से देश के कुछ राज्यों में हजारों लोगों की मौत होती हैं। NDMA की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल बिजली गिरने से औसत 2500 लोगों की मौत होती है। 1967 से 2012 तक जितनी भी प्राकृतिक आपदाएं भारत में आईं, उनके मरने वालों में 39 फीसदी लोग बिजली गिरने से मारे गए। सबसे ज्यादा बिजली गिरने की घटनाएं झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में देखी गई हैं।

    पिछले पांच सालों में हुई इतनी मौतें 

    पिछले पांच सालों में बिजली गिरने से कुल 8291 लोगों की मौत हुई है. साल 2016 में 1489, 2017 में 2057, 2018 में 2028, 2019 में 1771 और 2020 में 946 मौतें। ज्यादातर आकाशीय बिजली मार्च से जून के महीने में गिरती हैं। लेकिन यह स्थानीय मौसम और जमीन की चार्जिंग पर भी निर्भर के करता है कि बिजली कितनी और कब तक गिरेगी। 

    बिजली कड़कते वक्त इन जगहों पर जाए 

    बारिश का मजा हर कोई लेना चाहता है। ऐसे में आकाशीय बिजली की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है। अगर आपको आसमानी बिजली से बचना है तो कभी भी खेतों, पेड़ों, तालाब आदि के पास न जाएं। क्योंकि इनके आसपास आपको चपेट में आने की आशंका ज्यादा होती है। अगर आप घर के अंदर हैं और बाहर बिजली कड़क रही है तो आप बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहे हैं। तार वाले टेलिफोन का उपयोग न करें। खिड़कियां व दरवाजे बंद कर दें। 

    इन जगहों पर ले पनाह 

    अपने घर की छत पर न जाएं। कोई भी ऐसी वस्तु के आसपास न रहें जो बिजली का सुचालक हो। यानी आकाशीय बिजली को अपनी ओर खींचता हो।  धातु के पाइप, नल, फव्वारा, आदि से दूर रहें। अगर आप घर से बाहर हैं तो कभी भी बिजली कड़कते समय पेड़ों के नीचें न खड़े हों। बेहतर होगा किसी कम ऊंचाई वाली इमारत में पनाह लें। मजबूत छत वाली गाड़ी में रहें. बाहर मौजूद धातु से बनी किसी वस्तु के आसपास न खड़े हों। बाइक, बिजली या टेलिफोन के खंभों, तार या मशीन के आसपास न रहें। 

    क्यां होते है बिजली गिरने के संकेत 

    लोगों को समझ में ये नहीं आता कि उन्हें बिजली अपनी चपेट में कैसे लेगी। इसका आसान सा तरीका है। जब भी आप ऐसे मौसम में बाहर या घर के अंदर हों और आपके सिर के बाल खड़े हो जाएं, त्वचा में झुनझुनी हो तो समझ जाइए कि आप बिजली की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए तत्काल झुककर दोनों हाथों से अपने कान बंद कर ले। अपने पंजों के बल बैठ जाएं. घुटने के ऊपर कुहनी होनी चाहिए। ये बात ध्यान रखिए कि आपके शरीर का जितना कम हिस्सा जमीन के संपर्क में रहेगा, आपके बचने के चांस उतने ही ज्यादा रहेंगे। 

    किसी पर बिजली गिरी हो तो ऐसे करें उपाय 

    अगर कोई बिजली गिरने की वजह से घायल है तो उसे तुरंत सीपीआर देना चाहिए। कृत्रिम सांस देनी चाहिए. कोशिश करनी चाहिए कि उसे तत्काल प्राथमिक इलाज मिले और नजदीकी अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया जाए। ये बात ध्यान रखिए कि बिजली हमेशा धरती पर मौजूद सबसे ऊंची वस्तु से टकराती है। इसलिए कभी भी ऐसे मौसम में ऊंची इमारत, पेड़ या खंभे के नीचे न खड़े हो। 

    बिजली गिरे तो इन नियमों का करें पालन 

    अमेरिकी स्वास्थ्य संस्था सीडीसी (CDC) कहती है कि ऐसे मौसम में 30-30 का नियम अपनाएं। जैसे ही बिजली कड़कने और दिखने लगे तुरंत 30 तक गिनती गिनते हुए किसी छोटी इमारत के अंदर छिप जाएं। अपने सारे काम 30 मिनट के लिए रोक दें. इस दौरान किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग न करें, न ही उसके आसपास खड़े हों। 

    यह होती हैं मौसम विभाग की जानकारी 

    भारतीय मौसम विभाग के पास देशभर में लगभग 30 रडार हैं जो हर 10 मिनट में मौसम अपडेट प्रदान करते हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उपग्रह इन्सैट-3 डीआर से हर 15 मिनट में हमें ऐसे बादलों की जानकारी मिलती रहती है, जो बिजली पैदा करते हैं। देश अब संभावित खतरों के बारे में लोगों को सचेत करने के लिए हर 5 मिनट में बिजली के बारे में ‘रियल-टाइम’ जानकारी अपडेट करने में सक्षम है। 

    इन  राज्यों में गिरती है सबसे अधिक बिजली 

    भारतीय मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी और मध्य भारत में बिजली गिरने का प्रकोप अधिक है। विभाग ने भारत में 12 ऐसे राज्यों की प जहां सबसे अधिक आकाशीय बिजली गिरती है। इनमें मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है। इसके बाद महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा हैं।