नयी दिल्ली. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार इस बार मानसून समय से पहले ही भारत पहुंच सकता है। जी हाँ केरल (Kerala) में दक्षिण पश्चिम मानसून इस बार 31 मई को ही अपनी दस्तक दे सकता है। बता दें कि आमतौर पर इस राज्य में मानसून एक जून को ही आता है। इस बाबत जानकारी भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बीते गुरूवार को दी है। मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि, ”इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में 31 मई को दस्तक दे सकता है।”
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून (Southwest Monsoon) के 31 मई को केरल तट (Kerala Coast) से टकराने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो दक्षिणी राज्य में मानसून समय से पहले पहुंच जाएगा। गुरुवार को मानसून मालदीव-कोमोरिन क्षेत्रों के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ा और बंगाल की खाड़ी के अधिकांश दक्षिण-पूर्व और पूर्व-मध्य क्षेत्रों को कवर किया।
♦ The northern limit of Southwest Monsoon passes through 5°N/72°E, 6°N/75°E, 8°N/80°E, 12°N/85°E, 14°N/90°E and 17°N/94°E.
♦ Conditions are likely to become favourable for onset of Southwest Monsoon over Kerala around 31st May 2021.— India Meteorological Department (@Indiametdept) May 27, 2021
जैसे-जैसे मॉनसून के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं, केरल के कई इलाकों में इस सप्ताह की शुरुआत से लगातार हल्की से मध्यम-तीव्रता वाली बारिश हो रही है. एर्नाकुलम, अलाप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, पठानमथिट्टा और जिलों में 24 घंटे की बारिश दर्ज की गई. वहीं तिरुवनंतपुरम में 19 मिमी और 115 मिमी के बीच था.
गौरतलब है कि भारतीय मानसून क्षेत्र में, मानसून की बारिश की शुरुआत ही हमेशा दक्षिण अंडमान सागर से होती है। यहां बारिश होने के बाद ही आने वाली मानसूनी हवाएं फिर उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर जाती हैं।वहीं मौसम विभाग के मुताबिक इस बार मानसून की अपनी नई सामान्य तारीखों के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून 22 मई के आसपास अंडमान सागर में दसत्क दे रहा है। इसके साथ ही मौमस विभाग ने इस वर्ष मानसून के सामान्य रहने का ही अनुमान जताया है।
इस बाबत जानकारी देते हुए मौसम विज्ञान विभाग ने बताया, ”इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में 31 मई को ही पहुंच सकता है, हालांकि इस अनुमान में 4 दिन कम या ज्यादा हो भी सकते है।” इसके साथ ही मौसम विभाग ने बताया कि अरब सागर के ऊपर चक्रवात बनने के आसार हैं। इस चक्रवात बनने के कारण ही सागर के ऊपर भूमध्यरेखा से गुजरने वाली दक्षिण पछुआ हवाएं तेज हो गई हैं।वहीं मौसम विभाग के मुताबिक भूमध्यरेखा से गुजरने वाली हवाओं के बीते 20 मई से बंगाल की खाड़ी में और मजबूत हुए हैं और ये अभी और भी तेज हो सकते हैं।
अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में 30 मई तक होगी भारी बारिश:
इसके साथ ही अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के कुछ हिस्सों में आगामी 30 मई तक भारी बारिश होने की सम्भावना है। IMD ने गुरुवार को इस बाबत जानकारी दी। मौसम विभाग ने अगली सूचना तक मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की भी सलाह दी है। द्वीपसमूह में अब बृहस्पतिवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार को एक या दो स्थानों पर सात से 11 सेंटीमीटर की भारी बारिश होने की सम्भावना है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक, बादल गरजने और बिजली चमकने के साथ ही इस दौरान द्वीपसमूह में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं।
चक्रवात के चलते घरों में भरा पानी :
इधर पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में बीते गुरुवार को भी भारी बारिश जारी रहने के बीच सैकड़ों लोगों ने अब यह शिकायत की कि उन्हें भूखे ही सोना पड़ रहा है क्योंकि चक्रवात के बाद से ही उनके घरों में पानी भरा हुआ है। बीते बुधवार को चक्रवात ‘यास’, ओड़िशा में धामरा के समीप तट पर पहुंचा गया था। इसके बाद इसने ओड़िशा एवं बंगाल में भारी तबाही मचाई और फिर झारखंड की ओर आगे बढ़ गया। अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन जरूरतमंदों तक पहुंचने की अपनी भरसक कोशिश कर रहा है लेकिन प्रतिकूल मौसम के कारण कुछ क्षेत्रों में राहतकार्यों में अब भी बाधा आ रही है।