SAI-BABA

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    नयी दिल्ली/शिर्डी. जहाँ एक तरफ कोरोना (Corona) की दूसरी लहर के चलते लोग हलकान हैं। वहीं कोरोना महामारी में देश के अब कई धार्मिक स्थलों ने अपने दरवाजे मरीजों के लिए खोल दिए हुएँ। कहीं-कहीं मंदिर ही हॉस्पिटल में तब्दील कर दिया गया तो कहीं अलग से एक कोरोना केयर सेंटर तैयार किया गया। आज हम ऐसे एक धार्मिक सतह शिरी के बारे में बता रहे हैं।

    अब भले ही शिर्डी ट्रस्ट को बीते साल के मुकाबले इस साल दान 83% कम मिला हो, लेकिन इनकी सेवा में अभी भी कोई कमी नहीं है। साईं ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे कोरोना अस्पताल से अब तक 7 हजार से ज्यादा कोरोना पेशेंट ठीक भी हो चुके हैं। इतना ही नहीं यहाँ तो मरीजों के साथ ही उनके परिजनों के लिए भी रुकने-खाने-पीने का इंतजाम एकदम फ्री है।

    अब भक्त नहीं यहाँ  हैं  मरीजों की कतारें, रहना-खाना सब होता है फ्री :

    गौरतलब है कि शिर्डी साईं धाम में 2018 में जहाँ 1।65 करोड़ भक्त दर्शन के लिए पहुंचे थे। वहीं 2019 में 1।57 करोड़ भक्तों ने यहाँ दर्शन किए, लेकिन 2020 में कोरोना के भयंकर संक्रमण के चलते मंदिर बंद करना पड़ा। पहली लहर के बाद जब मंदिर खुला तो 16 नवंबर से 21 दिसंबर के बीच 5।74 लाख भक्तों ने ही यहाँ दर्शन किए। वहीं 2021 में 1 जनवरी से 5 अप्रैल के बीच भक्तों का आंकड़ा करीब 62 हजार ही रहा। इधर कोरोना महामारी के बढ़ते स्वरूप को देखते हुए ट्रस्ट ने बीते अप्रैल-2020 में एक कोरोना अस्पताल बनाया और यहां मुफ्त में ही आने वाले मरीजों का इलाज शुरू किया गया।

    आंकड़ों की मानें तो अब तक बीते अप्रैल-2020 से अभी तक बाबा के धाम से 7000 से ज्यादा मरीज ठीक होकर जा चुके हैं। ख़ास बात यह है कि ट्रस्ट की जो टीम पहले भक्तों की सेवा में तैनात थी, अब वही लोग यहाँ मरीजों की सेवा में भी लगें हैं। इस कोरोना अस्पताल में ही करीब 3000 हजार कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं।

    इसके साथ ही कोरोना मरीजों के लिए यहाँ सुपर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अलावा जनरल हॉस्पिटल में भी अलग से इलाज का इंतजाम किया गया है। श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट के CEO कान्हुराज हरिश्चंद्र बागते ने बताया कि, “हम यहाँ कोरोना मरीजों का मुफ्त इलाज कर रहे हैं। मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में यदि थोड़ा बहुत शुल्क किसी सुविधा में लिया भी जाता है तो उसे राज्य या केंद्र सरकार की स्कीम्स के जरिए कम्पनशेट भी कर लिया जाता है। इससे मरीज पर किसी भी तरह का भार नहीं आता।”

    इसके साथ ही बागते यह भी बताते हैं कि, “शिर्डी से पांच रेल गाड़ियों में लोग रवाना हुए, हमने सभी को फूड पैकेट दिए। हजारों लोगों को खाने के इंतजाम के साथ बसों से उनके घर भी उन्हें रवाना किया। क्वारैंटाइन सेंटर, आइसोलेशन सेंटर और डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर तो यहाँ बीते साल से ही संचालित हो रहे हैं। जब तक हमारे यहाँ बाबा के दरबार में कोरोना संक्रमित आ रहे हैं, तब तक यह सुविधा सतत जारी रहेगी।’

    640 बेड का अस्पताल जिसमे 140, ऑक्सीजन बेड :

    बता दें कि शिर्डी ट्रस्ट ने 640 बेड का एक बेहतरीन कोविड अस्पताल तैयार किया है। इसमें 140 ऑक्सीजन बेड हैं और 20 वेंटिलेटर बेड भी हैं। हालांकि कोरोना के लिए कुल 3 जगहों पर इंतजाम किया गया है। अगर तीनों जगहों को मिला लिया जाए तो यहाँ करीब 1500 बेड की सुविधा है।

    कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में जब यह आया कि यहां ऑक्सीजन की कमी से मरीजों पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। तो इसके इसके बाद नीता अंबानी और चेन्नई के केव्ही रमनी ने ट्रस्ट को 3 करोड़ रुपए का दान किया। इससे ऑक्सीजन प्लांट के साथ ही आधुनिक RTPCR लैब का निर्माण किया गया है।अब यहाँ के ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता 1200 एलपीएम प्रति मिनट है। यहां इलाज करा रहे मरीजों के साथ ही उनके परिजनों के लिए भी भरपूर और मुफ्त में रहने-खाने का इंतजाम है।

    कोरोना के चलते दान आया कम :

    बता दें कि साईं बाबा ट्रस्ट को कोरोना काल में करीब 295 करोड़ रुपए कम मिले। वहीं ट्रस्ट को साल 2018-19 में 428 करोड़ रुपए का दान मिला था। इसके अलावा 24.795 किलो सोना, 428.555 किलो चांदी भी मिली थी।इसी तरह साल 2019-20 में 357 करोड़ रुपए का दान आया। 17।90 किलो सोना और 357.492 किलो चांदी मिली। जबकि कोरोना काल में यानी 1 अप्रैल 2020 से 25 मई 2021 तक ट्रस्ट को मात्र 62 करोड़ दान ऑनलाइन प्राप्त हुआ।

    यानी देखा जाए तो बीते साल के मुकाबले 295 करोड़ रुपए दान कम आया। अगर हम प्रतिशत में देखें तो करीब 83% की यहाँ कमी आयी है। वहीं करीब 14 किलो सोना और 295 किलो चांदी भी कम मिली है। अब अगर ट्रस्ट की संपत्ति की बात करें तों यहाँ 31 मार्च 2020 तक साईं संस्थान की कुल जमा संपत्ति 3013 करोड़ रुपए आंकी गयी थी।