‘जय श्री राम’ के नारे से ममता फिर हुईं नाराज़, कहा- बुलाकर किया मेरा अपमान

Loading

कोलकाता: नेताजी शुभास चंद्र बोस (Netaji Shubhas Chandra Bose) की 125 वीं जयंती (Birth Anniversary) के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में विवाद हो गया। ‘जय श्री राम’ का नारा लगने पर लोगों को एक बार फिर मुख्यमंत्री और टीएमसी (TMC President) प्रमुख ममता बैनर्जी (Mamata Bainarjee) के गुस्से का सामना करना पड़ा। उन्होंने नाराज़ होकर मंच से बोलने से इनकार कर दिया। इसी के साथ उन्होंने कहा- किसी को बुलाकर अपमान करना ठीक नहीं। 

दरअसल, कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में जैसे ही बोलने के लिए खड़ी हुई सामने बैठे लोगों ने जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे लगाने  शुरू कर दिए। लोगों के इस नारे से वह नाराज़ हो गईं। जिस समय नारे लगे उस समय प्रधानमंत्री मोदी(PM Narendra Modi) , राज्यपाल जगदीप धनगड (Jagdeep Dhangad), केंद्रीय मंत्री बाबुल सुपियों (Babul Supriyo) मंच पर उपस्थित थे।

कार्यक्रम में गरिमा होनी चाहिए

बोलने से पहले लगे नारों पर बैनर्जी ने कहा, “मुझे लगता है कि सरकार के कार्यक्रम में गरिमा होनी चाहिए। यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है यह ऑल पार्टी और सरकार का कार्यक्रम है।” उन्होंने अपनी नाराजगी दिखाते हुए कहा, “मैं प्रधानमंत्री मोदी और संस्कृति मंत्री की आभारी हूँ जिन्होंने यह कार्यक्रम कोलकाता में रखा, लेकिन किसी को आमंत्रित करने के बाद अपमान करने के लिए यह आपको सूट नहीं करता है। विरोध के रूप में, मैं कुछ भी नहीं बोलूंगी।” 

पहला मौका नहीं जब नारे से हुई नाराज़

श्री राम के नारे से मुख्यमंत्री ममता का नाराज होने का यह पहला मौका नहीं है, 2019 के लोकसभा चुनाव के समय भी लोगों द्वारा लगाए नारे से गुस्सा होने का वीडियो सामने आ चुका है। वीडियो के अनुसार, मुख्यमंत्री का काफिला एक ग्रमीण इलाके से निकल रहा था तभी वहां मौजूद लोगों ने उन्हें देखते ही जय श्री राम का नारा लगाना शुरू कर दिया। लोगों के नारे सुनते ही मुख्यमंत्री आगबबूला होगई और जादि से उतर पर लोगों के बीच पहुँचकर सामने आकर नारा लगाने को कहने लगी।” ममता बैनर्जी का यह रवैया बंगाल के अंदर बड़ा मुद्दा बना था। भाजपा ने इसे पूरे चुनाव में जमकर भुनाया था।

ज्ञात हो कि, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के तारीख जैसे नज़दीक आ रहे  हैं, वैसे ही राज्य में राजनीतिक तपिश लगातार बढ़ती जा रही है। भाजपा और टीएमसी के बीच एक दुसरे पर लगातार तीखी बयानबाज़ी  शुरू है। दोनों दल के नेता एक दुसरे पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। 

यह लोकतंत्र का उल्लंघन 

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस मामले पर बोलते हुए कहा, “सरकार ने बहु-विश्वास लोकतंत्र की सभी पवित्रता का पूरी तरह से उल्लंघन किया है। एक आधिकारिक कार्यक्रम में, जब तक यह धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र है, तब तक आपके पास धर्म मंत्र नहीं हो सकते और यह केवल लुम्पेन है, बीजेपी जैसे अशिक्षित लोग जो इस तरह की बकवास का बचाव कर सकते हैं।”