कांग्रेस ने कभी नहीं चाहा अयोध्या में बने भगवान राम का मंदिर: योगी आदित्यनाथ

Loading

अयोध्या: पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हांथो राम मंदिर का शिलान्यास होने वाला है. जिसको लेकर देश में राजनीति गरमाई हुई है. कांग्रेस द्वारा शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर लगातार भाजपा पर हमलावर है. जिसपर पलटवार करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘कांग्रेस को अपने अतीत में देखना चाहिए. वे नहीं चाहते थे कि जहां भगवान राम को रखा गया था, वहां एक आधारशिला रखी जाए. वे मुद्दे का निष्कर्ष नहीं चाहते थे … वे लोगों को जाति, धर्म और मान्यताओं के आधार पर विभाजित करते हैं.’ मुख्यमंत्री सोमवार को तैयारियों की समीक्षा करने के लिए अयोध्या दौरे पर पहुंचे. 

इसके पहले मुख्यमंत्री  शिलान्यास कार्यक्रम का जायजा लेने के लिए अयोध्या दौरे पर पहुंचे. जहां मंदिर का शिलान्यास कार्यक्रम होना है मुख्यमंत्री ने वहां का दौरा किया. इसी के साथ हनुमान गाढ़ी पहुंच कर आरती की. इसी के साथ प्रधानमंत्री के आगमन के  लिए साकेत विश्व विद्यालय में बनाए गए अस्थायी हेलीपैड का जायजा भी लिया. 

राम के सभी भक्तों का प्रतिनिधि प्रधानमंत्री मोदी
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘ हमने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी व्यवस्थाएँ की हैं कि किसी भी गिनती में कोई ढिलाई न हो. मुख्य फोकस #COVID-19 पर है. प्रोटोकॉल को बहुत सख्ती से लागू किया जाना है. केवल वे ही आमंत्रित हैं जिन्हें यहां आना चाहिए. सभी भक्त आना चाहते हैं लेकिन पीएम इन सभी का प्रतिनिधित्व करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘ इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए, यह आवश्यक है कि हम अपने घरों में 4 और 5 अगस्त को मिट्टी के दीपक जलाएं, धर्मगुरु मंदिरों को सजाएं, मंदिरों में ‘दीपोत्सव’ और ‘अखंड रामायण पथ’ का आयोजन करें, और अपने पूर्वजों को याद करें जिन्होंने राम मंदिर के लिए खुद को बलिदान किया.’

इक़बाल अंसारी को निमंत्रण 
श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा, ‘ कई लोग यहां आए हैं. विहिप नेता दिनेश चंद, हरिद्वार में ‘अखाड़ों’ के महंत हैं. कल शाम तक सभी आमंत्रित यहां पहुंच जाएंगे. RSS के मोहन भागवत, सुरेश भैयाजी जोशी और अन्य लोग आएंगे.’  उन्होंने आग कहा, ‘ हमने इकबाल अंसारी (अयोध्या भूमि विवाद मामले में पूर्व मुकदमा चलाने वाले) और पद्म श्री, मोहम्मद शरीफ को शिलान्यास समारोह में आमंत्रित किया है.’