नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग प्रदर्शन मामले में बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों द्वारा सार्वजनिक स्थानों या सड़कों पर अनिश्चितकालीन कब्जा, जिससे लोगों को असुविधा हो और उनके अधिकारों का उल्लंघन हो, स्वीकार्य नहीं किया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा, “सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चित काल तक कब्जा नहीं किया जा सकता है, चाहे वह शाहीन बाग या कहीं और हो। प्रशासन को ऐसे स्थानों को अवरोधों से मुक्त रखना होगा। अदालत ने कहा आवागमन का अधिकार अनिश्चितकाल तक रोका नहीं जा सकता।”
Public roads and places cannot be occupied indefinitely by protesters says Supreme Court on petitions seeking guidelines and other directions on the right to protest, in wake of Shaheen Bagh protest pic.twitter.com/TXlpEgiLul
— ANI (@ANI) October 7, 2020
उच्चतम न्यायालय ने इस वर्ष के शुरू में दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता विरोधी कानून (CAA) के खिलाफ दलीलों के एक बैच पर सुनवाई की। न्यायालय ने कहा कि अधिकारियों को स्वयं कार्रवाई करनी होगी और अदालतों के पीछे छिपना बंद करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने सीएए विरोधी हलचल पर कहा “दिल्ली पुलिस को शाहीन बाग क्षेत्र को खाली करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए थी।” कोर्ट ने आगे कहा कि लोकतंत्र और असंतोष एक साथ चलते हैं।
शाहीन बाग, CAA विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र बन गया क्योंकि छोटे बच्चों के साथ महिलाओं ने तीन महीने से अधिक समय तक वहां धरना दिया। शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन इस साल मार्च में COVID-19 के प्रकोप और सरकार द्वारा बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए जारी किए गए बंद के बाद हुआ था।