नवजोत सिंह सिद्धू को सियासी घमासान के बीच मिली पंजाब कांग्रेस की कमान, जानिए क्यों आसान नहीं है आगे का सफर

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    नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस (Punjab Politics) में लगातार जारी सियासी घमासान अब तक खत्म नहीं हुआ है। भले ही कांग्रेस आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) को पंजाब का चीफ बना दिया हो लेकिन कहा जा रहा है कि यह मामला अब सुलझने की बजाय और उलझ गया है। इसके साथ ही सिद्धू की आगे की राह आसान नहीं होने वाली है। दरअसल सिद्धू की नियुक्ति से सीएम अमरिंदर सिंह सहित कई सीनियर नेता नाराज हैं। 

    ज्ञात हो की कांग्रेस आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का नया अध्यक्ष बना दिया है। साथ ही चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त हुए हैं। इन चारों की नियुक्ति भौगौलिक और सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखकर हुई है। सिद्धू ने अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए लगभग 50 विधायकों से मुलाकात भी की है। बावजूद इसके जानकारों का तर्क है कि राज्य कांग्रेस अध्यक्ष पद की यह जिम्मेदारी कठिनाई भरी रहने वाली है।

    उल्लेखनीय है कि नवजोत सिंह सिद्धू को भले ही कांग्रेस की कमान पंजाब में दी गई है। लेकिन उनके पास कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरह विधायकों का विश्वास नहीं है। सिर्फ सिद्धू के पास लोकप्रियता है। इसलिए उनकी राह आसान नजर नहीं आ रही है। सिद्धू अपने तेवर, बेबाक भाषणों की वजह से चर्चा में रहते हैं। 

    गौर हो कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की नाराजगी के बावजूद सिद्धू को अध्यक्ष पद की कमान इसलिए दी गई है क्योंकि वह गांधी परिवार और खासकर प्रियंका गांधी के करीबी हैं। खबरें यह भी हैं कि पार्टी ने डैमेज कंट्रोल को ध्यान में रखकर चार कार्यकारी अध्यक्ष जो नियुक्त किए गए हैं वह राहुल गांधी की पसंद है। साथ ही इनमें से किसी को नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह का करीबी नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में सिद्धू इस जिम्मेदारी को कैसे निभाते हैं उसपर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।