राकेश टिकैत की सरकार को धमकी, ‘कानून रद्द नहीं हुए तो चार की जगह 40 लाख ट्रैक्टर लेकर आएँगे’

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    नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को लेकर किसान संगठनों (Farmer Organizations) का आंदोलन जारी है। बड़ी संख्या में किसान दिल्ली के गाजीपुर (Gaajipur), टिकरी (Tikri) और सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर बैठे हुए हैं। किसान संगठनों ने एक बार फिर दोहराया की जब तक सरकार (Central Government) तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, तब तक आंदोलन (Protest) समाप्त नहीं होगा। इसी क्रम में बुधवार को भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) टिकरी बॉर्डर पहुंचे, जहां उन्होंने सरकार को धमकी देते हुए कहा, “कानून रद्द नहीं हुए तो चार की जगह 40 लाख ट्रैक्टर लेकर आएँगे।”

    सरकार धर्म जाती के नाम पर बांट रही 

    टिकैत ने सरकार पर किसानों को धर्म और जाती के नाम पर बांटने का आरोप लगते हुए कहा, “सरकार लगातार हमें धर्म, जाती और राज्य के नाम पर बांटने में लगी हुई है। लेकिन मैं उन्हें बता देना चाहता हूँ कि न हमारा मंच टूटेगा, न पंच टूटेंगे और ना ही फर्ज टूटेगा। हमारा फर्ज किसानों को उनका हक़ दिलाना है उसे हम दिलाकर रहेंगे।”

    18 फ़रवरी को रेल रोकों आंदोलन

    कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 18 फ़रवरी को देश भर में रेल रोकों आंदोलन करने का ऐलान किया है। किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा, “6 फरवरी को किसान सर छोटूराम की जयंती पर देशभर में एकजुटता दिखाएंगे। इसी के साथ पूरे देश में रेल रोको कार्यक्रम 18 फरवरी को 12 से 4 बजे तक आयोजित किया जाएगा।”

    किसान नेताओं को छुड़ाने वकीलों की कमेटी तैयार 

    भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के नेता और महासचिव ने कहा, “किसान आंदोलन को लेकर अभी तक जितने किसानों को गिरफ्तार किया गया है या मामले दर्ज किए गए हैं उनको छुड़ाने और अदालत में केस लड़ने के लिए वकीलों की समिति बनाई गई है। जो सभी का मुफ्त में केस लड़ेंगे, जिनका मुख्यालय दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज में होगा।