नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को राज्यों से आग्रह किया कि वे अवलोकन करें कि एक-दो दिन का लॉकडाउन (Lockdown) कोरोना वायरस (Corona Virus) के प्रसार को रोकने में कितना प्रभावी है और इससे राज्य में आर्थिक गतिविधियों (Economic Activity) पर क्या असर पड़ रहा है। उन्होंने महाराष्ट्र (Maharashtra) और उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) सहित सात राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों तथा स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान इन राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण (corona virus infection) की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के दौरान यह बात कही।
जो 1-2 दिन के लोकल लॉकडाउन होते हैं, वो कोरोना को रोकने में कितना प्रभावी हैं, हर राज्य को इसका अवलोकन करना चाहिए।
कहीं ऐसा तो नहीं कि इस वजह से आपके राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने में दिक्कत हो रही है?
मेरा आग्रह है कि सभी राज्य इस बारे में गंभीरता से सोचें: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 23, 2020
मोदी ने कहा कि बीते महीनों में कोरोना इलाज से जुड़ी जिन सुविधाओं का विकास किया गया है, उनसे कोरोना का मुकाबला करने में बहुत मदद हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अब हमें कोरोना से जुड़ी अधोसंरचना को मजबूत करना है, जो हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा, ट्रैकिंग-ट्रेसिंग से जुड़ा नेटवर्क है, उनकी बेहतर ट्रेनिंग भी करनी है।”
प्रभावी टेस्टिंग,
ट्रेसिंग,
ट्रीटमेंट,
सर्विलांस और
स्पष्ट मैसेजिंग, इसी पर हमें अपना फोकस और बढ़ाना होगा: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 23, 2020
राज्यों से प्रभावशाली जांच, ट्रेसिंग, इलाज और निगरानी पर ध्यान केन्द्रित करने का आह्वान करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘जो एक-दो दिन के लोकल लॉकडाउन होते हैं, वो कोरोना को रोकने में कितने प्रभावी हैं, हर राज्य को इसका अवलोकन करना चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस वजह से आपके राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने में दिक्कत हो रही है? मेरा आग्रह है कि सभी राज्य इस बारे में गंभीरता से सोचें।”
भारत ने मुश्किल समय में भी पूरे विश्व में जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है।
ऐसे में एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच दवाइयां आसानी से पहुंचे, हमें मिलकर ही ये देखना होगा: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 23, 2020
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस बैठक में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के अलावा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों तथा स्वास्थ्य मंत्रियों ने हिस्सा लिया। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में से 65.5 फीसदी और मृत्यु के कुल मामलों में से 77 फीसदी मामले भी इन्हीं राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हैं।
संयम,
संवेदना,
संवाद और
सहयोग का जो प्रदर्शन इस कोरोना काल में देश ने दिखाया है, उसको हमें आगे भी जारी रखना है।
संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई के साथ-साथ अब आर्थिक मोर्चे पर हमें पूरी ताकत से आगे बढ़ना है: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 23, 2020
मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि राज्य आपदा कार्रवाई निधि (एसडीआरएफ) के बारे में महत्वपूर्ण फैसले किए गए हैं और इसके लिए राज्यों को दी जाने वाली धनराशि बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड महामारी से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ के उपयोग की सीमा 35 प्रतिशत से बढ़ाकर अब 50 प्रतिशत कर दी गई है।” मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी के इस कठिन दौर में भी भारत ने दुनिया के देशों की जीवन रक्षक दवाओं की आवश्यकता पूरी की है और ऐसी स्थिति में एक राज्य से दूसरे राज्यों के दवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जानी आवश्यक है।
कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने में मास्क की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘संयम, संवेदना, संवाद और सहयोग का जो प्रदर्शन इस कोरोना काल में देश ने दिखाया है, उसको हमें आगे भी जारी रखना है।” उन्होंने कहा कि ज्यादातर संक्रमण बिना लक्षण का है और ऐसे में कई बार कुछ लोग संक्रमण की गंभीरता को कम आंकने की गलती भी करने लगते हैं। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में 10 लाख से ज्यादा टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं और ठीक होने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है उन्होंने कहा, ‘‘संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई के साथ-साथ अब आर्थिक मोर्चे पर हमें पूरी ताकत से आगे बढ़ना है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि 25 सितंबर को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के दो साल पूरे हो रहे हैं और इन दो सालों के भीतर ही इस योजना के तहत सवा करोड़ से अधिक गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज मिल चुका है। उन्होंने इस कार्यक्रम के माध्यम से गरीबों की सेवा करने वाले सभी चिकित्सकों और अन्य चिकित्सकीय कर्मचारियों की भी सराहना की। (एजेंसी)