नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सांसदों और विधायकों (MLA’s) पर दर्ज आपराधिक मामलों (Criminal Case) को लेकर बेहद सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने पहले जहां राज्य सरकारों (State Government’s) को आदेश दिया कि, बिना हाईकोर्ट के इजाजत किसी भी जनप्रतिनिधि के ऊपर दर्ज मामलों को वापस नहीं ले सकते। वहीं अब आपराधिक इतिहास को सार्वजनिक नहीं करने को भाजपा (BJP), कांग्रेस(Congress), एनसीपी (NCP) सहित आठ राजनीतिक दलों पर जुर्माना लगाया है।
अदालत ने यह कार्रवाई बिहार चुनावों के दौरान चुनाव उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास को सार्वजनिक करने के अदालत के पहले के निर्देशों का पालन करने के आदेश पर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने भाजपा और कांग्रेस पर जहां एक-एक लाख का जुर्माना लगाया है। वहीं एनसीपी और सीपीएम पर पांच-पांच लाख का जुर्माना लगाया है।
Supreme Court in its judgment today slapped a fine of Rs 1 Lakh each on BJP & Congress and Rs 5 Lakh on NCP and CPM for failing to comply with the Court's earlier directions on making criminal antecedents of election candidates public, during Bihar polls. pic.twitter.com/O1rOIZLGQL
— ANI (@ANI) August 10, 2021
हाई कोर्ट की मंजूरी के बिना मामला वापस नहीं होगा
इसके पहले सुबह याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम नयायालय ने बड़ा आदेश दिया. अदालत ने कहा कि, “अब राज्य सरकार अपनी मर्जी से विधायकों और सांसदों के ऊपर चल रहे मुकदमों को वापस नहीं ले सकती है। अगर राज्य सरकार ऐसा कोई निर्णय लेती है तो उसे सबसे पहले राज्य की उच्च नयायालय से इसकी मंजूरी लेनी होगी।
उम्मीदवारी घोषित होने के 48 घंटे में दर्ज मामलों को जानकारी दें
इसी के साथ अदालत ने एक और महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत से सभी राजनीतिक दलों को आदेश दिया है कि, चुनाव में जब वह अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित करेंगी उसके 48 घंटे के अंदर उनके ऊपर दर्ज अपराधिक मामलों की पूरी जानकारी सार्वजनिक करनी होगी।