नई दिल्ली: कृषि क़ानूनों (Agriculture Bill) को लेकर मोदी सरकार (Modi Government) द्वारा दिए प्रस्ताव को किसान संगठनों (Farmer Organizations) ने अस्वीकार कर दिया है. बुधवार को सरकार द्वारा भेजे प्रस्ताव पर घंटो चिंतन करने के बाद किसानों ने यह निर्णय लिया है. सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर आयोजित प्रेस वार्ता में क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने यह घोषणा की. इसी के किसानों ने अपने आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया।
We reject the government’s proposals: Darshan Pal, President of Krantikari Kisan Union at Singhu (Delhi-Haryana border)#FarmLaws pic.twitter.com/FmBgyqAiU2
— ANI (@ANI) December 9, 2020
14 को देशव्यापी आंदोलन
किसान नेताओं ने कहा, “पूरे देश में रोज प्रदर्शन होगा। पंजाब,हरियाणा, यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 14 तारीख को धरने लगाए जाएंगे जो धरने नहीं लगाएगा वो दिल्ली को कूच करेगा। 12 तारीख को जयपुर-दिल्ली हाईवे पर रोक लगाया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “14 दिसंबर को भाजपा कार्यालयों पर घेराव किया जाएगा, देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। हम दिल्ली पहुंचने के लिए देश के अन्य हिस्सों के किसानों को भी फोन कर रहे हैं।”
On 14th December, BJP offices will be gheraoed, protest demonstrations will be held in many parts of the country. We are also giving a call to farmers from other parts of the country to reach Delhi: Farmer leaders at Singhu border
— ANI (@ANI) December 9, 2020
कृषि मंत्री पहुंचे अमित शाह से मिलने
कृषि कानूनों को लेकर भेजे प्रस्ताव को किसानों द्वारा ठुकराने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृहमंत्री अमित शाह से मिलने उनके आवास पर पहुंचे हैं।
Delhi: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar reaches Home Minister Amit Shah’s residence.
— ANI (@ANI) December 9, 2020
12 को जयपुर-दिल्ली हाईवे करेंगे बंद
किसानों ने अपने आंदोलन को और तेज करते हुए कहा कि, “12 नवंबर को दिल्ली जयपुर हाईवे को बंद कर देंगे। एक दिन के लिए पूरे देश के टोल प्लाज़ा फ्री कर दिए जाएंगे। इसी के साथ बीजेपी के जितने मंत्री है उनका घेराव किया जाएगा और उनको पूरी तरीके से बहिष्कार करेंगे।”
अंबानी और अडानी के प्रोडक्ट का बहिष्कार
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि, “वे अंबानी और अडानी के प्रोडक्ट का बहिष्कार करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत कहते हैं कि, “यह सम्मान का मुद्दा है। अगर सरकार जिद पर अड़ी है, तो किसान भी अपनी बातों पर डटे हैं। उन्होंने कहा कि कानून वापस होने ही चाहिए।”
ज्ञात हो कि कृषि क़ानूनों को रद्द करने को लेकर पिछले 14 दिनों से 30 से ज्यादा किसान संगठन दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं. इसी आंदोलन को समाप्त करने के लिए मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किसान संगठनों के साथ बैठक की थी. जिसमें गृहमंत्री ने किसानों को नया प्रस्ताव देने को कहा था. बुधवार को सरकार ने 20 पन्नों में संशोधन करने वाले बिन्दुयों का प्रस्ताव भेजा था.
यह है संशोधन प्रस्ताव:
- APMC एक्ट में बदलाव, फ्री मंडी में भी अब समान टैक्स, पहले फ्री मंडी में कोई टैक्स नहीं था।
- विवाद होने पर स्थानीय कोर्ट जाने का दिया भरोसा, पहले सिर्फ SDM के पास ही जाने की आजादी थी ।
- फ्री ट्रेडर्स के लिए अब रजिस्ट्रेशन सुविधा, पहले सिर्फ पैन कार्ड से काम हो जाता था।
- कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में होंगे बदलाव, किसान की जमीन की सुरक्षा का दिया पूरा भरोसा।
- MSP पर भी सरकार अब लिखित गारंटी देने को है तैयार।
- पराली जलाने के मसले पर भी अब सर्कार द्वारा सख्त कानून में होगी नरमी।
- आंदोलन के दौरान जिन भी किसान नेताओं पर केस दर्ज हुआ है, उनकी वापसी होगी।