अयोध्या. जहाँ एक तरफ अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण को लेकर लोग हर्षित हैं। वहीं अब अयोध्या में इस चौथे साल में भी दीपोत्सव को और भव्य तरीके से मनाने की तैयारियां जोरशोर से चल रहीं हैं। बीते शुक्रवार को मंडलायुक्त की अध्यक्षता में दीपोत्सव समिति की बैठक हुई जिसमे तय हुआ कि इस बार दीपोत्सव का मुख्य कार्यक्रम 13 नवंबर को होगा।
13 नवंबर को होने वाले दीपोत्सव कार्यक्रम की तैयारियां भी इस बार भव्य तरीके से हो रही है। योजना के अनुसार इस बार मुख्य कार्यक्रम के एक दिन पहले, साकेत महाविद्यालय से नया घाट तक रामायण के प्रसंगों पर आधारित विभिन्न झांकियां भी निकाली जाएंगी। इसके साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सरयू के तट पर भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम के आयोजन को लेकर भी विचार विमर्श हुआ। इस बार दीपोत्सव में 5 लाख दीप जलाने का सोचा गया है। गौरतलब है की बीते साल के दीपोत्सव में अयोध्या की प्रसिद्ध राम की पैड़ी पर 4.5 लाख दीप जलाए गए थे। वहीं इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल थे।
राजकीय मेले का दर्जा प्राप्त है दीपोत्सव को:
विदित हो कि योगी आदित्यनाथ के कई ड्रीम प्रोजेक्ट में से ख़ास अयोध्या दीपोत्सव कार्यक्रम को राजकीय मेले का दर्जा प्राप्त है। जिसके चलते इस बार के दीपोत्सव को और अधिक भव्य और बेहतरीन मनाने को लेकर प्रशासन भी अपनी कमर कस चुका है। इसी मुद्दे पर कल कलेक्ट्रेट सभागार में आलाधिकारियों ने बैठक कर कार्यक्रम की योजना तैयार हुई।
क्या खास होगा इस बार :
- दीपोत्सव के एक दिन पहले निकाली जाने वाली शोभायात्रा भव्य होगी.
- राम कथा पार्क में राम राज्याभिषेक कार्यक्रम भी होगा.
- सरयू घाट के राम की पैड़ी पर 5 लाख दीप जलाकर होगा भव्य दीपोत्सव.
भव्य होगा आयोजन:
इस मुद्दे पर अयोध्या कमिश्नर एमपी अग्रवाल का कहना है कि अबकी दीपोत्सव में कोविड-19 प्रोटोकॉल का विशेष ध्यान रखा जायेगा। जिसके लिए :
- मास्क की और सोशल डिस्टेंडिंग की अनिवार्यता होगी.
- लोगों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का विशेष ध्यान रखना होगा.
वहीं इस बार राम की पैड़ी का विस्तार होने से दीपोत्सव को ज्यादा स्थान मिलेगा और इससे कार्यक्रम में और भी भव्यता आएगी।