संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा

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नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई से शुरू होने वाला है। इस सत्र के दौरान 31 विधेयकों पर विचार किए जाने की संभावना है। इस सूची में सबसे ऊपर दिल्ली से जुड़ा अध्यादेश ( अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार) है। केंद्र सरकार कोशिश की कोशिश रहेगी कि इसे दोनों सदनों से जल्द से जल्द से पास कराकर कानून का रूप दिया जाए।

इससे पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक की। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि सभी पार्टियां मणिपुर पर चर्चा की मांग कर रही थी, मणिपुर पर चर्चा करने के लिए सरकार तैयार है। विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने तंज कसते हुए कहा, “नाम बदलने से कुछ नहीं बदलता। लोग अभी भी वही हैं। नई बोतल में पुरानी शराब।”

इन मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग

बैठक में हिस्सा लेने के बाद कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि बालासोर रेल हादसे और मणिपुर हिंसा को लेकर जवाबदेही तय करने तथा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग संसद के भीतर की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘इस सत्र में भी हम अडाणी मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग जारी रखेंगे और चीन के मामले पर चर्चा की मांग करेंगे।”  उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस दिल्ली से जुड़े अध्यादेश का विरोध करेगी। यह यह चुनी हुई सरकार के संवैधानिक अधिकारों और जिम्मेदारियों पर अंकुश लगाने वाला है।”

सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि बैठक में हमने संसद के मानसून सत्र के दौरान मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग की। हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री सदन में आएं और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा हो।