नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आवश्यक योग्यता मानदंडों को पूरा करने वाले ‘अग्निवीरों’ के लिए रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को शनिवार को मंजूरी दे दी। रक्षा सेवाओं के लिए मंगलवार को घोषित ‘अग्निपथ’ भर्ती योजना के खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।
सिंह के कार्यालय ने कहा, ‘‘भारतीय तटरक्षक बल और रक्षा विभाग में असैन्य पदों तथा रक्षा क्षेत्र के सभी 16 सार्वजनिक उपक्रमों में 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाएगा।” इसने कहा कि यह आरक्षण पूर्व सैनिकों के लिए मौजूदा कोटे के अतिरिक्त होगा। रक्षा मंत्री के कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘इन प्रावधानों को लागू करने के लिए प्रासंगिक भर्ती नियमों में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।”
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh has approved a proposal to reserve 10% of the job vacancies in Ministry of Defence for ‘Agniveers’ meeting requisite eligibility criteria.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) June 18, 2022
इसमें कहा गया है, ‘‘रक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अपने संबंधित भर्ती नियमों में इसी तरह के संशोधन करने की सलाह दी जाएगी। आवश्यक आयु छूट का प्रावधान भी किया जाएगा।”
‘अग्निपथ’ सैन्य भर्ती योजना की घोषणा के बाद की समग्र स्थिति पर सेना, नौसेना और वायु सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ रक्षा मंत्री की बैठक के तुरंत बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। प्रदर्शनकारियों को शांत करने के प्रयास में, सरकार ने बृहस्पतिवार रात को ‘अग्निपथ’ योजना के तहत भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को वर्ष 2022 के लिए 21 से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था।
सरकार ने मंगलवार को इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि साढ़े सत्रह साल से 21 साल तक की आयु के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा, जबकि उनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा। नयी योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा।
इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य सैन्यकर्मियों की औसत आयु को कम करना और बढ़ते वेतन और पेंशन बिल में कटौती करना है। कोरोना वायरस महामारी के कारण दो साल से अधिक समय से सेना में रुकी हुई भर्ती प्रक्रिया की पृष्ठभूमि में नयी योजना की घोषणा की गयी है। (एजेंसी)