Another SSLV flight soon Space Commission member

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    नयी दिल्ली: अंतरिक्ष आयोग के सदस्य ए एस किरण कुमार ने कहा है कि भारत के लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV ) से छोटे उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित नहीं कर पाना कोई झटके वाली बात नहीं है और अंतरिक्ष एजेंसी जल्द ही एक और रॉकेट को भेजेगी। कुमार एसएसएलवी की पहली प्रदर्शन उड़ान में रविवार को एक पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह (EOS 2) तथा आजादीसैट को लक्षित कक्षा में स्थापित नहीं किये जाने पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।

    इन उपग्रहों का निर्माण देशभर के अलग-अलग स्थानों की छात्राओं ने किया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष कुमार ने यहां कलारी-भारतीय अंतरिक्ष संघ की एक बैठक से इतर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘नहीं, नहीं, नहीं। यह कोई झटके वाली बात नहीं है। हम केवल अंत में थोड़ा चूक गए।”

    रविवार को प्रक्षेपण के समय श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र में मौजूद रहे कुमार ने कहा कि इसरो के सबसे नये रॉकेट के तीन चरण तो बहुत अच्छे रहे और प्रक्षेपण यान के प्राथमिक उद्देश्यों को भलीभांति प्रदर्शित किया जा सका। उन्होंने कहा, ‘‘यह कुछ कलपुर्जों की फेरबदल, इसके परिचालन के तरीके और जिस तरह से फैसले लिये गये, उनका सवाल है। बहुत जल्द ही हम अगली उड़ान का प्रयास करेंगे।” कुमार ने कहा कि एसएसएलवी महत्वपूर्ण है क्योंकि अब उपग्रह छोटे होते जा रहे हैं और नया रॉकेट भारत को छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के बाजार में साझेदारी में मददगार हो सकता है।

    उन्होंने कहा, ‘‘सभी चरण अच्छी तरह संपन्न हुए। हम केवल आखिर में थोड़ा चूक गए। उपग्रह 350 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा के बजाय 350 किलोमीटर लंबी और 70 किलोमीटर चौड़ी कक्षा में स्थापित हो गए। यह मामूली चूक है और अंतत: एक सबक है।” इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने रविवार को कहा था कि जो समस्या हुई उसका पता लगाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाई गयी है और आने वाले दिनों में विस्तृत मूल्यांकन किया जाएगा। (एजेंसी)