CM Himanta Biswa Sarma, Amit Shah and CM Prema Khandu.

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नयी दिल्ली. असम (Assam) और अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) की सरकारों ने दोनों राज्यों के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद को खत्म करने के लिए बृहस्पतिवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के समक्ष एक समझौते पर हस्ताक्षर किये। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किये।

असम और अरुणाचल प्रदेश 804.1 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। शर्मा और खांडू ने 15 जुलाई, 2022 को ‘नामसाई घोषणापत्र’ पर हस्ताक्षर करके सीमा विवाद का समाधान निकालने का संकल्प लिया था और तभी से दोनों राज्यों के बीच इस पर बातचीत हो रही थी। अधिकारियों ने बताया कि दोनों राज्यों ने 123 गांवों के इस विवाद को खत्म करने का फैसला लिया है।

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शाह ने दोनों राज्यों के बीच हुए सीमा समझौते को ‘ऐतिहासिक’ घटना बताया और कहा कि इससे दशकों पुराना विवाद खत्म हो गया। शर्मा ने कहा कि यह ‘बड़ा और सफल’ क्षण है। वहीं खांडू ने इस समझौते को ‘ऐतिहासिक’ बताया। क्षेत्र विशेष पर चर्चा के लिए पिछले साल क्षेत्रीय समितियों का गठन किया गया था, जिनमें मंत्री, स्थानीय विधायक और दोनों राज्यों के अधिकारी शामिल थे।

गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश लगातार कहता रहा है कि मैदान हिस्सों में स्थित कई वन क्षेत्र पारंपरिक रूप से पहाड़ी के आदिवासी प्रमुखों और समुदायों के हुआ करते थे, और उन्हें एकतरफा फैसले में असम को दे दिया गया। अरुणाचल प्रदेश को 1972 में केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था।

अरुणाचल प्रदेश को 1987 में पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद एक समिति का गठन किया गया, जिसने असम के कुछ क्षेत्रों को वापस अरुणाचल प्रदेश को देने की सिफारिश की। असम ने इसको चुनौती दी थी और मामला लंबे समय तक उच्चतम न्यायालय में लंबित था।