hindu temple
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अयोध्या: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya)  में राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) की  सुरक्षा में बदलाव किया गया है। रामलला (Ramlala) की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की सुरक्षा की कमान अब SSF करेगी। SSF का गठन हाल ही में यूपी सरकार ने की है।  समारोह में पांच लाख से ज्यादा भक्तों के अयोध्या आने की संभावना है। 

SSF की 80 जवानों की टोली पहुंची अयोध्या 
रामलला प्राण प्रतिष्ठा से पहले SSF की आठ टीम पहुंची राम जन्मभूमि परिसर रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में राम जन्मभूमि परिसर में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के अलावा भी सैकड़ों  VVIP और  दस हजार VIP के होने की संभावना है। इसे लेकर  SSF यानी विशेष सुरक्षा बल की 80 जवानों की टोली सोमवार देर शाम अयोध्या पहुंच गई है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले SSF की आठ टीम राम जन्मभूमि की सुरक्षा का कमान संभाल लेंगी।

 ट्रेनिंग के बाद SSF जवान सुरक्षा में होंगे तैनात

अभी रामजन्मभूमि की सुरक्षा CRPF और PAC के हवाले है। इसी महीने से मंदिर की सुरक्षा पूरी तरह से SSF के हवाले हो जाएगी। इसके लिए जवानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 80 जवानों की टोली को 12 से 16 सितंबर तक प्रशिक्षित की जाएगी। इसके बाद जवानों की दूसरी टोली आएगी जिन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के बाद SSF के जवानों को सुरक्षा में तैनात कर दिया जाएगा।

संसद  और राष्ट्रपति भवन जैसी होगी राममंदिर की सुरक्षा 
बताया जा रहा है कि संसद और राष्ट्रपति भवन जैसी राममंदिर की सुरक्षा का प्लान बन चुका है। अब इसे जमीन पर उतारने की तैयारी है। मंदिर की सुरक्षा में  SSF  के विशेष प्रशिक्षित जवानों को लगाया जाएगा। जबकि परिसर के अलग-अलग हिस्सों के सुरक्षा की जिम्मेदारी SSF के जवानों की अलग-अलग टुकड़ियों को दी जाएगी। ये जवान आधुनिक हथियारों से लैस होंगे। पूरे परिसर की निगरानी के लिए एक मॉडन कंट्रोल रूम भी लगभग बनकर तैयार है। 77 करोड से अत्याधुनिक हथियार भी खरीदे जा चुके हैं। परिसर में बम निरोधक दस्ता व डॉग स्क्वॉयड की स्थायी तैनाती भी की जा रही है। अभी जरूरत पड़ने पर इन टीमों को बाहर से बुलाया जाता है।

SSF की क्या है खासियत?
SSF का गठन यूपी सरकार ने हाल ही में किया है। इस फोर्स को UP पुलिस और PAC के सर्वश्रेष्ठ जवानों को चुनकर बनाया गया है जिन्हें विशेष सुरक्षा के लिए ट्रेनिंग दी गई है।  अभी SSF की एक सप्ताह की स्पेशल ट्रेनिंग होगी। इस दौरान उन्हें सुरक्षा चुनौतियों और उससे निपटने को लेकर जानकारी दी जाएगी। किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कारवाई को लेकर उन्हें लोकेशन और रूट मैप की भी जानकारी दी जाएगी।