नई दिल्ली: जोशीमठ का संकट दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इस बीच, नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) का नया फरमान जारी किया है। एनडीएमए ने सरकारी संस्थानों को जोशीमठ से जुडी जानकारी मीडिया से साझा करने को मना किया है।
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने शनिवार (14 जनवरी) सरकारी संस्थानों और अधिकारियों को मीडिया के साथ बातचीत करने और जमीन धंसने के संबंध में सोशल मीडिया पर डेटा साझा करने से मना किया है। NDMA की ओर से कहा गया है कि संगठनों की डेटा की “अपनी व्याख्या” भ्रम पैदा कर रही है।
एनडीएमए ने अपने पत्र में कहा है कि, 12 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस मुद्दे को लेकर प्रकाश डाला गया था। पत्र में कहा गया, “यह देखा गया है कि विभिन्न सरकारी संस्थान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विषय वस्तु से जुड़ा डेटा जारी कर रहे हैं और साथ ही स्थिति की अपनी व्याख्या के साथ मीडिया के साथ बातचीत कर रहे हैं। यह न केवल प्रभावित निवासियों बल्कि देश के नागरिकों के बीच भी भ्रम पैदा कर रहा है।”
This is literally a gag order to not let the country know what’s happening in Joshimath, only what government wants you to know. Being the Master’s Voice. pic.twitter.com/fqAKZgQqSa
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) January 14, 2023
जोशीमठ में जमीन के धंसने के आकलन के लिए विशेषज्ञ समूह का गठन करने को इंगित करते हुए आपदा प्रबंधन एजेंसी ने इसरो सहित कई संस्थानों से अनुरोध किया है कि वे इस मामले के बारे में “अपने संगठन को संवेदनशील बनाएं” और विशेषज्ञ समूह द्वारा जारी अंतिम रिपोर्ट आने तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ भी पोस्ट करने से बचें।
एनडीएमए ने पत्र में कहा कि, मामले को लेकर एक्सर्पट ग्रुप बनाया गया है। इसमें आगे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से अनुरोध किया गया कि जब तक हम फाइनल रिपोर्ट जारी नहीं करते जोशीमठ को लेकर कोई जानकारी सोशल मीडिया पर साझा ना करिए।
गौरतलब है कि, इसरो ने जोशीमठ को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें बताया गया है कि, जोशीमठ 27 दिसंबर, 2022 और 8 जनवरी, 2023 के बीच 5.4 सेमी नीचे डूब गया है। रिपोर्ट में यह भी दिखाया गया है कि, जमीन धंसने की यह घटना दो जनवरी से शुरू हुई। आए दिन सीएम पुष्कर सिंह धामी और केंद्र सरकार के अधिकारियों को मामले को लेकर बैठक हो रही है।