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    नई दिल्ली. एक बड़ी खबर के अनुसार, CBI ने पूर्व टेलीकॉम मिनिस्टर ए राजा (A Raja) के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में आज चार्जशीट (Chargesheet) दायर की है। दरअसल जांच एजेंसी के मुताबिक, राजा ने खुद के केंद्रीय मंत्री रहते हुए 5.53 करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति अर्जित की थी। 

    वहीं मामले पर चेन्नई की स्पेशल CBI कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में एजेंसी ने यह संगीन आरोप लगाया कि राजा के एक करीबी सी कृष्णमूर्ति ने बीते जनवरी, 2007 में एक कंपनी कोवई शेल्टर प्रमोटर्स की बनाई थी।

    इसके बाद इस कंपनी को उसी साल फरवरी में 4.56 करोड़ रुपए का पेमेंट भी हुआ  था। दरअसल यह पैसे एक रियल एस्टेट कंपनी से कांचीपुरम में जमीन की खरीद के लिए कमीशन के तौर पर दिया गया था। आरोप है कि राजा ने ये पैसे जमीन की खरीद के लिए नहीं, बल्कि रियल एस्टेट फर्म को एक इंफ्रास्ट्रचर कंपनी का स्टेटस देने के लिए दिया था।

    यह भी आरोप है कि यह रकम जमीन सौदे के लिए नहीं मिली बल्कि राजा के केंद्रीय मंत्री रहने के दौरान रियल एस्टेट कंपनी को इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी का दर्ज़ा देने के बदले में मिली। वहीं CBI ने आरोप लगाया कि, राजा ने मंत्री पद पर रहने के दौरान 5.53 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की, जिसमें उस कंपनी को मिली 4.56 करोड़ रुपये की रकम भी शामिल है जिसमें उनके करीबी रिश्तेदार निदेशक थे। CBI ने आरोप लगाया कि राजा की आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति उनकी आधिकारिक संपत्ति से 579% अधिक है।

    पता हो कि, CBI ने बीते 2015 में राजा तथा 16 अन्य लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था, जिसमें उनका भतीजा परमेश, पत्नी परमेश्वरी, उनके सहायक कृष्णमूर्ति और राजा के कथित सहयोगी सादिक बाशा की पत्नी शामिल है। बाशा ने बाद में आत्महत्या कर ली थी। CBI ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले के संबंध में भी पूर्व दूरसंचार मंत्री राजा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था लेकिन एक विशेष अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था क्योंकि एजेंसी तब उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई भी बड़ा आरोप साबित नहीं कर पायी थी।