rohingya
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    नई दिल्ली/पटना. बिहार (Bihar) से आ रही एक सनसनीखेज खबर के अनुसार, कट्टरपंथी संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) देश की सम्प्रभुता और एकता को तोड़ने के लिए और अपने संगठन में भर्ती करने के लिए रोहिंग्या मुस्लिमों (Rohingya) और बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए जरुरी आधार कार्ड बनवा रहा है।

    क्या कहती है पटना पुलिस की जांच 

    दरअसल कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पटना पुलिस ने अपनी इस सघन  जाँच में कहा है कि, हमें आशंका है कि PFI आधार कार्ड बनवाने के लिए तस्करों द्वारा फर्जी कागजात तैयार करवाने के साथ ही कई ऐसे तरीके गैरकानूनी अपना रहा है जिससे घुसपैठियों की पहचान होना बेहद मुश्किल हो जाती है।

    इसके साथ ही पुलिस ने यह भी कहा कि, PFI रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी घुसपैठियों को कर्नाटक और समेत अन्य राज्यों में दिहाड़ी मजदूरों के रूप में भेज रहा है ताकि इनकी एक नई पहचान भी बनाई जा सके।

    कैसे होता है ये काम 

    पुलिस के अनुसार फर्जी आधार कार्ड बनवाने के लिए PFI द्वारा भारतीय मुस्लिम परिवारों का भी जमकर उपयोग किया जा रहा है। इसके लिए, पीएफआई इन मुस्लिम परिवारों को विभिन्न प्रकार के लालच देते हुए उन्हें कुछ नगद पैसे भी देती है। जिसके बाद, मुस्लिम परिवार रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी घुसपैठियों को अपने परिवार का हिस्सा बता देते हैं। 

    ऐसे जिस रोहिंग्या के लिए इन मुस्लिम परिवारों द्वारा यह कहा जाता है कि जब यह छोटा था तो इसे रिश्तेदार के यहाँ भेज दिया था और किसी कारण से उसका वहां उसका आधार कार्ड नहीं बन सका है। लेकिन, अब यह हमारे साथ रहने के लिए वापस आ गया है इसलिए इसके आधार कार्ड की अब बहुत आवश्यकता है।

    वहीं पुलिस के सूत्रों के अनुसार, एक अनुमान के मुताबिक 2018 के बाद से अब तक नेपाल बॉर्डर पर लगभग 500 करोड़ रुपए की लागत से 700 के करीब नए मदरसों और मस्जिदों का निर्माण हुआ है। वहीं बॉर्डर पर हुए इस अवैध निर्माण के लिए पैसा और फंडिंग UAE, कतर और तुर्की जैसों देशों किये जाने का अंदेशा है।