
नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते संकट के बीच बड़ी खुश खबरी आई है. देसी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के निर्माण में लगी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने बुधवार को ‘कोवैक्सीन’ (Covaxin) के पहले चरण के क्लिनिकल ट्रायल (Clinical trail) के नातिजे घोषित किए. इसके अनुसार वैक्सीन ने शरीर में अच्छी मात्रा में एंटीबॉडी (Antibody) बनाई है, साथ ही डोज का कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं देखा गया.” देसी वैक्सीन का यह परिणाम देशवासियों सहित कंपनी के लिए भी राहत भरा है.
कंपनी ने कहा, “टीकाकरण के पहले चरण के पश्च्यात कोई गंभीर परिणाम नहीं आए, साथ ही जो थोड़े बहुत आए वह बिना दवा के ठीक हो गए. सबसे मुख्य जहां टीका लगाया गया था वह जो दर्द उठा था वह भी अपने आप ठीक हो गया.”
Interim findings from phase 1 trial of Covaxin: After 1st vaccination, local & systemic adverse events were predominantly mild/moderate in severity & resolved rapidly, without prescribed medication. Most common adverse event was pain at injection site which resolved spontaneously https://t.co/0CinbDySG6
— ANI (@ANI) December 16, 2020
ज्ञात हो कि, भारत बायोटेक निर्मित कोवैक्सीन उन तीन वैक्सीनों में से एक है, जिन्हें देश के अंदर आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी गई है.
14 दिन में 375 वॉलंटियर्स को दिया गया डोज
‘कोवैक्सीन’ को वैक्सीन इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च, भारत बायोटेक और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी मिलकर बना रहे हैं. पहले चरण के क्लिनिकल ट्रायल में 11 अस्पतालों में 375 वॉलंटियर्स को शामिल किया गया था, जिन्हें तीन ग्रुप्स में रखा गया था. इन सभी को 14 दिनों के अंदर दो डोज दिए गए थे. रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान सभी के अंदर अच्छी मात्रा में एंटीबाडी का निर्माण हुआ.
हल्के साइड इफ़ेक्ट दिखे
ट्रायल के दौरान वॉलंटियर्स में बेहद हल्के साइड इफ़ेक्ट देखे गए, जो खुद ही ठीक हो गए. हालांकि एक गंभीर मामला सामने आया था, लेकिन जांच में पता चला कि वह वैक्सीन से संबंधित नहीं है. वहीं अलग-अलग मात्रा में दी गई डोज के परिणाम भी ज्यादा फर्क नहीं दिखाई दिए.
दो से आठ डिग्री तापमान तक रखा जा सकता है
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैक्सीन को दो डिग्री से आठ डिग्री तापमान तक रखा जा सकता है. यह राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत रखे जाने वाले टीको के मानक तापमान के अनुरूप है. कोवैक्सीन का दूसरा क्लिनिकल ट्रायल समाप्त होकर तीसरा शुरू हो चूका है.