Praful Patel

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नई दिल्ली. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन काल में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय से बनी कंपनी एनएसीआईएल द्वारा पट्टे पर विमान लिए जाने में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही सीबीआई ने एक ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दायर की है, क्योंकि उसे इस मामले में “किसी गलत काम का कोई सबूत” नहीं मिला।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 2017 में इस मामले की जांच शुरू की थी। एजेंसी ने हाल ही में एक विशेष अदालत के समक्ष ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दायर की। अधिकारियों ने कहा कि निजी अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियों के साथ सीटों को लेकर समझौता सहित एयर इंडिया में कथित अनियमितताओं से संबंधित अन्य मामले अभी जारी हैं।

विशेष अदालत यह फैसला करेगी कि इस रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या एजेंसी को विभिन्न बिंदुओं पर आगे जांच का निर्देश दिया जाए। यह मामला एयर इंडिया द्वारा बड़ी संख्या में विमानों को पट्टे पर लेने में अनियमितताओं के आरोपों से संबंधित है, जिसके कारण राष्ट्रीय विमानन कंपनी को भारी नुकसान हुआ, जबकि कुछ लोगों को फायदा हुआ।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि बड़े पैमाने पर विमानों की खरीद और कई उड़ानों, खासकर विदेशी उड़ानों में यात्रियों की संख्या कम होने होने के बाद भी नागर विमानन मंत्रालय तथा नेशनल एविएशन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसीआईएल) के अधिकारियों द्वारा विमानों को पट्टे पर लेने के संबंध में फैसला किया गया था। उस समय प्रफुल्ल पटेल नागर विमानन मंत्री थे। एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद नेशनल एविएशन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड का गठन किया गया था। (एजेंसी)