नई दिल्ली. बिहार (Bihar) के छपरा (Chapra) में जहरीली शराब कांड (Liquor Tragedy)में अब तक शराब से मौतों का आंकड़ा 53 हो गया है। जहां पहले दिन यानी कि बीते मंगलवार को 5 मौतें हुई थीं। इसके बाद फिर बीते बुधवार को 25 और फिर गुरुवार को 19 लोगों की जान गई। वहीं आज यानी शुक्रवार सुबह तक 4 और लोगों को जहरीली शराब निगल गई है। इनमे सबसे ज्यादा सबसे ज्यादा मौतें छपरा के मशरख, अमनौर और मढ़ौरा इलाकों में हुई बताई जा रही हैं।
अब तक 53 लोगों की गयीं जान
इसके साथ ही खबर के अनुसार ये लोग निजी क्लीनिकों में या घर पर इलाज करा रहे थे। वहीं मृतकों में 3 ऐसे लोग हैं जो खुद ही शराब बेच रहे थे। दूसरी तरफ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मशरख के थानेदार और चौकीदार को सस्पेंड कर दिया है जबकि DM ने मढौरा के SDPO को ट्रांसफर करने और विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा विभाग से भी की है। इसके साथ ही बीते पिछले 48 घंटे में समूचे जिले में छापेमारी तेज कर दी है और जहरीली शराब बेचने वाले 126 लोगों को गिरफ्तार किया है। 4,000 लीटर से अधिक अवैध शराब जब्त की गई है।
BJP लामबंद
इस बीच विपक्षी दल BJP ने आज आरोप लगाया कि सरकार जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की कुल संख्या को छिपा रही है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा नेकहा, ‘‘बिहार में शराबबंदी के बावजूद पुलिस अधिकारियों और राज्य प्रशासन के संरक्षण में जहरीली शराब की बिक्री खूब फल-फूल रही है। वे आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।”
जानकारी दें कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते गुरूवार को हिदायत दी थी कि अगर लोग जहरीली शराब का सेवन करेंगे तो वे मौत को गले लगाएंगे। मुख्यमंत्री की तीखी टिप्पणी तब आई जब शराबबंदी की उनकी नीति पर राजनीतिक रणनीतिकार से कार्यकर्ता बने उनके पूर्व सहयोगी प्रशांत किशोर सहित कई लोगों ने उन्हें निशाना बनाया और शराबबंदी कानून को खत्म करने की मांग की।