नई दिल्ली. बड़ा ही खतरनाक दृश्य देश के पूर्वी समुद्री इलाके में एक जंगी जहाज दिखाई पड़ रहा है। तत्काल ही भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) कि खतरनाक सुखोई-30एमकेआई फाइटर जेट ने अपने इस टारगेट को लॉक किया। इसके साथ ही सुखोई ने उसके ऊपर अपनी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस दाग दी। ये गगनभेदी मिसाइल 3000 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से कुछ ही सेकेंड्स में पार करते हुए जंगी जहाज से जा टकराई। जहाज में मिसाइल के हमले से एक बड़ा छेद बन गया। छेद इतना बड़ा कि जहाज आसानी से पूरा का पूरा पानी में डूब जाए।
A BrahMos supersonic cruise missile was testfired by the Indian Navy warship INS Delhi on Apr 19. The missile without warhead created a hole in the abandoned ship. The missile travels at speeds around 3000 kmph & is difficult to intercept by air defence systems: BrahMos officials pic.twitter.com/65J6uUirFE
— ANI (@ANI) April 20, 2022
दोस्तों पर ये असल का हमला नहीं था। जी हाँ, दरअसल भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने देश के पूर्वी तट पर सुखोई 30 एमकेआई फाइटर जेट से भारतीय नौसेना (Indian Navy) के डिकमीशन्ड जंगी जहाज पर ब्रह्मोस (BrahMos) मिसाइल से लाइव फायर किया था। इस नायाब मिसाइल ने पूरी सटीकता के साथ अपने टारगेट पर हमला किया। इस गहन परीक्षण में वायुसेना के साथ नौसेना भी सामान रूप से शामिल थी।
हालाँकि वायुसेना ने यह तो बिल्कुल भी नहीं बताया कि ब्रह्मोस मिसाइल में किस तरह का, कितना वजनी और कितनी ताकत का वॉरहेड लगा हुआ था। हालाँकि अनुमान है कि परीक्षण के लिए कम मात्रा और तीव्रता का वॉरहेड लगाया हुआ था। लेकिन फिर भी उस हिसाब से जहाज में जितना नुकसान हुआ वो काफी बड़ी है। सोचिये कि अगर वॉरहेड की तीव्रता और वजन बढ़ा दिया गया होता तो क्या ही हालत होती।
बताते चलें कि करीब एक हफ्ते पहले ही यह खबर आई थी कि भारतीय वायुसेना के लिए ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल (BrahMos Cruise Missile) का अपग्रेडेड एयर वर्जन भी जोर शोरों से तैयार हो रहा है। इसकी रेंज 800KM होगी। यानी इसके माने ये हुए कि हमारे फाइटर जेट हवा में रहते हुए दुश्मन के ठिकानों को इतनी दूर से ही ध्वस्त कर सकते हैं।
Today on the Eastern seaboard, #IAF undertook live firing of #BrahMos missile from a Su30 MkI aircraft.
The missile achieved a direct hit on the target, a decommissioned #IndianNavy ship.
The mission was undertaken in close coordination with @indiannavy. pic.twitter.com/UpCZ3vJkZb— Indian Air Force (@IAF_MCC) April 19, 2022
इस बाबत वायुसेना ने एक ट्वीट में कहा कि, “पूर्वी समुद्री तट पर वायुसेना ने सुखोई 30 एमकेआई विमान से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया। मिसाइल ने लक्ष्य के तहत भारतीय नौसेना के सेवामुक्त हो चुके जहाज पर सीधा प्रहार किया। भारतीय नौसेना के साथ क्लोज कोऑर्डिनेशन में यह परीक्षण हुआ। ”
गौरतलब है कि भारत सरकार लगातार अपने टैक्टिकल मिसाइलों की रेंज को अब और भी बढ़ा रही है। सिर्फ एक सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने से मिसाइल की रेंज में 500KM का इजाफा हो जाता है। हालाँकि, भारतीय वायुसेना के 40 सुखोई-30 MKI फाइटर जेट पर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें तैनात की हैं। ये दुश्मन के कैंप को पूरी तरह से नेस्तेनाबुत और साफ़ कर सकती हैं।
पता हो कि बीते 8 दिसंबर 2021 को सुखोई-30 एमके-1 में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया गया था। जान लें कि सुखोई-30 एमकेआई (Sukhoi-30 MKI) फाइटर जेट में लगे ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को पूरी तरह से देश में ही विकसित और निर्मित किया गया है। अनुमान और सूत्रों के मुताबिक भविष्य में ब्रह्मोस मिसाइलों को मिकोयान मिग-29के, हल्के लड़ाकू विमान तेजस और राफेल में भी तैनात करने की बड़ी योजना है।
जानकारी ले लिए बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना की गति से उड़ान भरती है। वहीं अब इस मिसाइल के एडवांस्ड वर्जन की सीमा को पहले की तुलना में 290 किमी से लगभग 350 किमी तक बढ़ा दिया गया है।
(All Pic -ANI)