
नई दिल्ली: कनाडा को भारत से पंगा लेना काफी महंगा पड़ने वाला है। अगर कनाडा (Canada’) के इकॉनमी की बात करें तो कनाडा की इकोनॉमी (Canada’s Economy) में भारत के स्टूडेंट्स की अकेले हिस्सेदारी 4.9 अरब डॉलर की है। ऐसे में भारत के सिर्फ फैसले भर से ही कनाडा की इकॉनमी को नुक्सान हो सकता है और देश की 2.2 ट्रिलियन GDP वाली इकोनॉमी गिर सकती है। कनाडा की इकोनॉमी में भारत का अहम रोल है। आइए जानते हैं कैसे…
कनाडा की इकोनॉमी भारत पर निर्भर
भारत द्वारा घोषित खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्या (Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar Murder) के मुद्दे पर छिड़ा विवाद अब डिप्लोमेटिक लेवल पर रिश्ते बिगाड़ने लगा है, जिसका असर अब व्यापार से लेकर बाजार पर दिखने लगा है। कनाडा की इकोनॉमी का ज्यादातर हिस्सा भारत और भारतियों पर निर्भर है। भारतीय कंपनियां एक के बाद एक करके कनाडा छोड़ रही हैं। वैसे तो कनाडा इकोनॉमी अमेरिका के सहारे भी चलती है, लेकिन भारत की भी हिस्सेदारी इसमें अरबों डॉलर की है। वहीं भारत एक फैसले भर से ही कनाडा की इकोनॉमी गिर जाएगी।
दरअसल, कनाडा की इकोनॉमी में सबसे बड़ा रोल निभाने वाले इंडियन स्टूडेंट हैं। अगर भारत ने एक सख्त फैसला लिया और कनाडा से पढ़ाई बंद कर दी तो कनाडा की सांसें रूक जाएंगी। इंडियन समेत दुनियाभर के स्टूडेंट कनाडा में मोटी फीस भरकर पढ़ाई करते हैं और वहां की इकोनॉमी को मजबूत करने में मदद करते है। कनाडाई स्टूडेंट्स के मुकाबले बाहरी छात्रों से 4 से 5 गुना ज्यादा फीस वसूली जाती है। ऐसे में भारत के प्रतिबंध लगाने से कनाडा को झटका लगेगा।
40 फीसदी इंडियन स्टूडेंट्स हैं कनाडा में
भारत- कनाडा विवाद (India-Canada Row) बढ़ने की वजह से अगर भारत, कनाडा जाने वाले अपने स्टूडेंट्स पर बैन लगा दे तो कनाडा को बड़ा झटका लगेगा। इंटरनेशनल स्टूडेंट कनाडा की इकोनॉमी में कई बिलियन डॉलर का योगदान करते हैं। इसके अलावा इंडियन स्टूडेंट्स से वहां चार से पांच गुना ज्यादा फीस वसूली जाती है। फीस के अलावा इंडियन स्टूडेंट वहां रहने के लिए रूम किराए से लेकर मॉर्गेज के तौर पर बड़ा योगदान देते हैं। कनाडा में करीब 8 लाख इंटरनेशनल स्टूडेंट्स हैं। जिसमें 40 फीसदी इंडियन हैं।
भारत के भरोसे है कनाडा की अरब डॉलर की इकॉनमी
सिर्फ इंडियन स्टूडेंट का कनाडा की इकोनॉमी में ही योगदान 4.9 अरब डॉलर का है। कनाडा की कई प्राइवेट यूनिवर्सिटी इंडियन स्टूडेंट्स के भरोसे ही चल रही है। अगर भारत ने बैन लगा देता है तो कनाडा का एजुकेशन सिस्टम और प्राइवेट कॉलेज का पूरा इको-सिस्टम बिगड़ जाएगा।