नई दिल्ली: सीबीआई (CBI ) ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी ( Mehul Choksi) और उनकी कंपनी गीतांजलि जेम्स के खिलाफ धोखाधड़ी का नया मामला दर्ज किया है। बता दें कि, मेहुल चौकसी पर आरोप है कि, उन्होंने 2014-18 के बीच सरकारी कंपनी इंडस्ट्रियल फाइनेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड से 22 करोड़ रुपये की कथित रूप से धोखाधड़ी की है।
जानकारी के अनुसार, आईएफसीआई (IFCI) के सहायक महाप्रबंधक ने मेहुल चौकसी और उनकी कंपनी गीतांजलि जेम्स के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। वहीं, इस मामले की प्रारंभिक जांच के बाद, चोकसी और उनकी कंपनी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 471 (जो कोई धोखे से या बेईमानी से असली के रूप में उपयोग करता है) के तहत एफआईआर दर्ज की है।
CBI has registered a fresh case against fugitive diamantaire Mehul Choksi & his company Gitanjali Gems for allegedly defrauding Industrial Finance Corporation of India of Rs 22 crores between 2014-18, said CBI
— ANI (@ANI) May 2, 2022
25 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था
सीबीआई के शिकायत के मुताबिक, यह घोटाला साल 2014 से साल 2018 की अवधि के दौरान का है। जब आईएफसीआई लिमिटेड ने उक्त निजी कंपनी के साथ साथ उसके निदेशक के आश्वासन और उसके उपक्रम पर भरोसा करते हुए मूल्याकंनकर्ताओं द्वारा किए गए मूल्याकंन के आधार पर गिरवी रखे गए गहनों के बदले कुल 25 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था।
लेकिन बाद में, मेहुल चोकसी उसकी कंपनी ने लिए गए लोन की किश्तों को देना धीरे धीरे बंद कर दिया, जिसके चलते आईएफसीआई लिमिटेड ने गिरवी रखे गए जेवरातों का मूल्याकंन करा कर उन्हें बेच कर पैसे वसूलने का निर्णय लिया।
असली मूल्य से लगभग 90 प्रतिशत तक कम
लेकिन, इस नए मूल्याकंन के दौरान सीबीआई के सामने धोखाधड़ी काम ममला उजागर हुआ। तब एजेंसी को पता चला कि मेहुल चोकसी और उसकी कंपनी ने निजी वैल्यूअरों के साथ मिल कर अपने गहनों का ज्यादा मूल्य के आधार पर मूल्याकंन कराया था। मेहुल चौकसी द्वारा जो हीरे के जेवरात दिए गए थे, उनमे लगे हीरे की गुणवत्ता निम्न थी और उनकी कीमत असली मूल्य से लगभग 90 प्रतिशत तक कम थे।
14 हजार करोड़ का धोखाधड़ी का आरोप
गौरतलब है कि, शिकायत के आधार पर सीबीआई ने मेहुल चौकसी और उसके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और मुंबई कोलकाता में कुल आठ जगहों पर छापेमारी की।सीबीआई ने इस दौरान अनेक आपत्तिजनक दस्तावेज मिलने का दावा किया है। बता दें कि, मेहुल चौकसी और उसके रिश्तेदारों सहित उसकी कंपनियों पर भारतीय बैकों के समूह को लगभग 14 हजार करोड़ का धोखाधड़ी का आरोप है। मेहुल चोकसी इस मामले में लंदन की जेल में बंद है।