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नई दिल्ली: सीबीआई ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक शिकायत के आधार पर विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के कथित उल्लंघन के लिए ऑक्सफैम इंडिया और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। 

शिकायत, जो अब प्राथमिकी का हिस्सा है, में आरोप लगाया गया है कि हालांकि ऑक्सफैम इंडिया का एफसीआरए पंजीकरण समाप्त हो गया, इसके बावजूद उसने अन्य माध्यमों से धन के लेनदेन के लिये कानून का उल्लंघन किया।  एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के कथित उल्लंघन को लेकर दिल्ली में ऑक्सफैम इंडिया के कार्यालय में तलाशी ली। 

शिकायत में आरोप लगाया गया है, “सीबीडीटी द्वारा आईटी सर्वेक्षण के दौरान मिले ईमेल से ऐसा प्रतीत होता है कि ऑक्सफैम इंडिया सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) को अपने सहयोगियों/कर्मचारियों के माध्यम से दलाली के रूप में धन उपलब्ध करा रहा है। यह ऑक्सफैम इंडिया के टीडीएस डेटा से भी परिलक्षित होता है जो वित्तीय वर्ष 2019-20 में सीपीआर को 12.71 लाख रुपये का भुगतान दर्शाता है।” 

इसमें कहा गया है कि संगठन ने सामाजिक गतिविधियों को करने के लिए एफसीआरए पंजीकरण प्राप्त किया था, लेकिन कमीशन के रूप में अपने सहयोगियों या कर्मचारियों के माध्यम से सीपीआर को किया गया भुगतान – पेशेवर या तकनीकी सेवाएं – इसके घोषित उद्देश्यों के अनुरूप नहीं है। इसमें आरोप लगाया गया, “यह एफसीआरए 2010 की धारा आठ और 12(4) का उल्लंघन है।”