चंद्रयान-3: लैंडर कैमरे ने कैद किया चांद के दक्षिणी ध्रुव का दृश्य, ISRO ने जारी की पहली तस्वीर

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नई दिल्ली. भारत (India) का चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) का विक्रम लैंडर (Vikram Lander) बुधवार को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतर गया है। इसी के साथ भारत चांद के इस हिस्से पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर जाने में आज तक कोई भी सफल नहीं हो सका है। विक्रम लैंडर की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इसरो ने पहली तस्वीर शेयर की है।

इसरो ने ट्वीट किया, “चंद्रयान-3 के लैंडर और बेंगलुरु स्थित कमांड सेंटर के बीच एक संचार लिंक स्थापित हो गया है। ये तस्वीरें लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरे से उतरते समय ली गईं।”

इसरो ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “लैंडिंग के बाद लैंडिंग इमेजर कैमरे द्वारा ली गई छवि। इसमें चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट का एक हिस्सा दिखाया गया है। एक पैर और उसके साथ की परछाई भी दिखाई दे रही है। चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह पर अपेक्षाकृत समतल क्षेत्र चुना।”

इस सफलता के बाद भारत ने एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। भारत चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश भी बन गया है। चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर को अगले 14 दिन तक चांद पर रिसर्च करेंगे। चांद पर 1 दिन पृथ्वी के 14 दिनों का होता है। इसलिए लैंडर और रोवर को अपने रिसर्च के लिए चांद पर सिर्फ एक दिन का वक्त मिलेगा।

भारत अब चांद पर

चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग के तुरंत बाद इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने खुशी जताई कि हम चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल रहे हैं। भारत अब चांद पर है। लैंडिंग कार्यक्रम में पीएम मोदी भी दक्षिण अफ्रीका से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शामिल हुए।

प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, “यह पल अविस्मरणीय है, यह क्षण अभूतपूर्व है, यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है। यह क्षण नए भारत के जयघोष का है। यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। यह क्षण जीत के चंद्र पथ पर चलने का है। यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सार्म्थय का है। यह क्षण भारत में नई ऊर्जा, नये विश्वास, नई चेतना का है।”

पीएम मोदी ने कहा, “जब हम ऐसे ऐतिहासिक क्षण देखते हैं तो हमें बहुत गर्व होता है। ये नए भारत का सूर्योदय है। हमने धरती पर संकल्प किया और चांद पर उसे साकार किया। भारत अब चंद्रमा पर है। इससे पहले कोई भी देश वहां (चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव) तक नहीं पहुंचा है।”

उन्होंने कहा, “हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत से हम वहां तक पहुंचे हैं। भारत का सफल चंद्रमा मिशन अकेले भारत का नहीं है। यह सफलता पूरी मानवता की है। कभी कहा जाता था चंदा मामा बहुत दूर के हैं, अब एक दिन वो भी आएगा जब बच्चे कहा करेंगे चंदा मामा बस एक टूर के हैं।”