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    नयी  दिल्ली. सुबह की बड़ी खबर के अनुसार आज छठ पूजा (Chhath Puja 2021) का त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया है। चार दिनों तक मनाएं जाने वाले इस बड़े त्योहार के आखिरी दिन भक्तों ने आज उगते सूर्य (Rising Sun) को अर्ध्य दिया। इसके साथ ही आज देशभर में सूर्योदय के साथ छठ महापर्व का प्रात:कालीन अर्घ्‍य शुरू हुआ।

    इसके पहले व्रतियों ने बीते बुधवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया था। वहीं छठ पूजा के लिए पटना में मनेर, दानापुर से लेकर बाढ़, फतुहा और मोकामा तक गंगा घाटों पर प्रशासन के साथ ही स्‍थानीय पूजा की गई। ऐसे में आज देश के विभिन्‍न शहरों में श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य के निकलते ही उन्‍हें पूरी आस्‍था के साथ अर्घ्‍य दिया गया। इसके साथ सबकी खुशहाली की मंगल कामना भी की गई। 

    आइए तस्वीरों में देखते हैं आज इस पवन पर्व के आखिरी दिन की विभिन्न राज्यों से झलक..

    देखा जाए तो आज छठ पर्व के आखिरी दिन सुबह से ही नदी के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई थी। इस छठ के आखिरी दिन व्रती और उनके परिवार के लोग आज नदी के किनारे बैठकर जमकर गाना-बजाना करते हैं और उगते सूरज का इंतजार भी करते हैं। सूर्य जब उगता है तब उन्हें अर्घ्य अर्पित किया जाता है।

    इसके बाद व्रती एक दूसरे को भोग का प्रसाद देकर बड़े बुजुर्गों का भी आशीर्वाद लेते हैं। आशीर्वाद लेने के बाद व्रती अपने घर आकर अदरक और पानी से अपना 36 घंटे का कठोर व्रत को त्यागते हैं या खोलते हैं। व्रत खोलने के बाद स्वादिष्ट पकवान आदि खाए जाते हैं और इस तरह पावन व्रत का समापन होता है।

    पता हो कि आज उषा अर्घ्य का समय सुबह 6 बजकर 41 मिनट था। उषा अर्घ्य यानी आज के दिन सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर व्रती और उनके परिवारजन उगलते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। ये अर्घ्य सूर्य की पत्नी उषा को दिया जाता है। ये भी मान्यता है कि विधि विधान से पूजा करने और अर्घ्य देने से आपकी सभी तरह की मनो कामना पूर्ण होती है।

    ऐसे दें अर्घ्‍य 

    • आज छठ के अंतिम दिन सूर्योदय से पूर्व शुद्ध होकर आप स्नान कर लें। 
    • इसके बाद उदित होते सूर्य के समक्ष जल में आप खड़े हो जाएं। 
    • तब खड़े होकर तांबे के पात्र में थोडा पवित्र जल भर लें। 
    • अब उसी जल में आप मिश्री भी मिलाएं। 
    • फिर इस तांबे के लौटे में लाल फूल, कुमकुम, हल्दी आदि डालकर सूर्य को यह जल अर्पित कर दीजिये। 
    • इसके बाद आप दोनों हाथों से तांबे के पात्र को पकड़ कर इस तरह जल चढ़ाएं कि सूर्य देव जल चढ़ाती धार से आपको दिखाई दें। 
    • फिर दीप और धूप से सूर्य की पूर्ण आस्था से पूजा करें और उनसे मंगल आशीर्वाद मांगे।