TMC and Congress

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बेहरामपुर/कोलकाता. विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) में दरार पड़ती दिख रही है क्योंकि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बंगाल में सीट बंटवारे पर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी) में बृहस्पतिवार को झड़प हो गई। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “सबसे पुरानी पार्टी(टीएमसी से सीट की भीख नहीं मांगेगी।” इस पर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा, “गठबंधन सहयोगियों को बुरा-भला कहना और सीट साझा करना एक साथ नहीं चल सकता।”

टीएमसी के कट्टर आलोचक चौधरी ने बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी पर विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने के बजाय ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सेवा’ में व्यस्त होने का आरोप लगाते बेलगाम हमला किया। उनकी टिप्पणी पर टीएमसी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई जिसने चौधरी की आलोचना करते हुए कांग्रेस आलाकमान को चेतावनी दी कि वह अपने प्रदेश अध्यक्ष पर लगाम लगाए। दोनों दलों के बीच सत्ता का बंटवारा विवाद की वजह बना हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि टीएमसी केवल दो सीट कांग्रेस को देना चाहती है, लेकिन कांग्रेस की बंगाल इकाई को यह प्रस्ताव मंजूर नहीं है। वर्ष 2019 के चुनाव में टीएमसी ने लोकसभा की 22 सीट पर और कांग्रेस ने दो सीट (बेहरामपुर और माल्दा दक्षिण) में जीत दर्ज की थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 18 सीट जीती थी। दोनों दलों में पिछले कुछ दिनों से जुबानी जंग जारी है, लेकिन बृहस्पतिवार को हालात बिगड़ गये। चौधरी ने टीएमसी की आलोचना करते हुए कहा कि वह बंगाल में कांग्रेस से गठबंधन करने के प्रति गंभीर नहीं है।

अपने निर्वाचन क्षेत्र में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “टीएमसी बंगाल में गठबंधन को मजबूत करने को लेकर गंभीर नहीं है। टीएमसी खुद को सीबीआई और ईडी के चंगुल से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुश करने और उनकी सेवा करने में लगी हुई है।” हालांकि, टीएमसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बंगाल में सत्ताधारी पार्टी राज्य की 42 लोकसभा सीट में से कांग्रेस को चार सीट देना चाहती है। दोनों पार्टियां पहले गठबंधन में चुनाव लड़ चुकी हैं, जिनमें वर्ष 2001 का विधानसभा चुनाव, 2009 का लोकसभा चुनाव और 2011 का विधानसभा चुनाव शामिल है। वर्ष 2011 में कांग्रेस-टीएमसी गठबंधन ने पश्चिम बंगाल में 34 वर्षीय वाम मोर्चा शासन का अंत कर दिया था। (एजेंसी)