Coal scam Court holds a Maharashtra company and its three former officials guilty

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नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र की एक कंपनी और उसके तीन पूर्व पदाधिकारियों को 2005 में राज्य में तीन कोयला ब्लॉक के आवंटन की मांग के दौरान धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश करने का दोषी ठहराया है। विशेष न्यायाधीश संजय बंसल ने ‘टॉपवर्थ ऊर्जा एंड मेटल्स लिमिटेड’ और उसके तीन पूर्व पदाधिकारियों-अनिल कुमार सक्सेना, मनोज माहेश्वरी और आनंद नंद किशोर सारदा को इस मामले में दोषी पाया।

‘टॉपवर्थ ऊर्जा एंड मेटल्स लिमिटेड’ पहले ‘श्री वीरांगना स्टील्स लिमिटेड’ के नाम से जानी जाती थी। यह मामला महाराष्ट्र के उमरेड जिले में इस कंपनी को मार्की मांगली-द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ कोयला ब्लॉक के आवंटन में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है।  न्यायाधीश ने कहा, ‘‘सभी आरोपियों को दोषी ठहराया जाता है।”

अदालत सजा के संबंध में दलीलों पर 11 जनवरी को सुनवाई करेगी। जब कंपनी को कोयला ब्लॉक आवंटित किये गये थे, तब आरोपी कंपनी के पदाधिकारी थे। कंपनी को टॉपवर्थ ग्रुप के हाथों बेच दिया गया और फिर उसका नाम बदल दिया गया।

सीबीआई के अनुसार, यह मामला 1993 और 2005 के बीच कोयला ब्लॉक के आवंटन में अनियमितताओं के आरोपों की प्रारंभिक जांच का परिणाम है। कंपनी को महाराष्ट्र में मांगली -द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ कोयला ब्लॉक का आवंटन किया गया था। सीबीआई ने इस मामले में नागपुर, यवतमाल और मुंबई में छापा मारा था।