नई दिल्ली: हालही में हुए चुनावों में करारी हार मिलने के बाद कांग्रेस में बैठकों का सिलसिला जारी है। कई दौर की बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने शुक्रवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की। पता हो कि, शीर्ष नेतृत्व पर जी23 के नेता लगातार सवाल उठा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि, इस बैठक में आजाद ने जी-23 समूह के विचारों को सोनिया गांधी के सामने विस्तार से रखा है।
सोनिया गांधी से बैठक के बाद आजाद ने मीडियाकर्मियों को बताया कि, कांग्रेस अध्यक्ष के साथ अच्छी बैठक हुई। उन्होंने कहा, हमारी बैठक में हम अपने पार्टी को किस तरह मजबूत करें और विरोधी पार्टियों से कैसे लड़ा जाए इस पर चर्चा हुई। वहीं, आने वाले चुनाव में कैसी तैयारी की जाए इस पर भी चर्चा हुई। आजाद ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि उन्हें अध्यक्ष के रूप में बने रहना चाहिए, हमारे पास बस कुछ सुझाव थे जो साझा किए गए थे।’ बता दें कि, सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले आजाद ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह के आवास पर जाकर उन्हें होली की शुभकामनाएं दीं।
Working Committee was asked for suggestions on the reasons for defeat in 5 states. The discussion was held to fight unitedly in the forthcoming Assembly elections to defeat the opposition parties: Congress leader Ghulam Nabi Azad after meeting party president Sonia Gandhi pic.twitter.com/av6WysOsom
— ANI (@ANI) March 18, 2022
इससे पहले, गुरुवार को G23 समूह के सदस्य भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। सूत्रों के हवाले पता चला है कि, हुड्डा ने राहुल से हुई मुलाकात के दौरान हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों और पार्टी को मजबूत करने के संदर्भ में चर्चा की। बता दें कि, राहुल गांधी ने हुड्डा को हरियाणा की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा लिए आमंत्रित किया था।
ज्ञात हो कि, बीते बुधवार को ‘जी 23’ के नेताओं ने रात्रिभोज पर बैठक की थी। जो ‘जी 23’ समूह पार्टी में संगठनात्मक बदलाव और सामूहिक नेतृत्व की मांग कर रहा है। G 23 के एक और प्रमुख सदस्य कपिल सिब्बल ने पिछले दिनों मीडिया को दिए साक्षात्कार में कहा था कि गांधी परिवार को कांग्रेस का नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य नेता को मौका देना चाहिए। इसके बाद गांधी परिवार के समर्थित सदस्यों ने सिब्बल के खिलाफ कड़क कार्रवाई की मांग की थी।