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नई दिल्ली: ओडिशा ट्रेन हादसे (Odisha train accident) में रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) ने कई अहम जानकारी दी है। रेल मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस (press conference) कर बताया कि आखिर कैसे हादसा हुआ। रेलवे बोर्ड की सदस्य और ऑपरेशन एंड बिजनेस डेवलपमेंट अधिकारी जया वर्मा सिन्हा (aya Verma Sinha) ने बताया कि मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी। चूंकि मालगाड़ी लौह अयस्क ले जा रही थी, इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ। यह बड़ी संख्या में मौतों और चोटों का कारण है। कोरोमंडल एक्सप्रेस की पटरी से उतरी बोगियां डाउन लाइन पर आ गईं, और यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकरा गईं। जो डाउन लाइन से 126 किमी / घंटा की गति से पार कर रही थी। 

उन्होंने कहा कि प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, सिग्नलिंग के साथ कुछ समस्या रही है। हम अभी भी रेलवे सुरक्षा आयुक्त की विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई। ट्रेन की गति लगभग 128 किमी/घंटा थी। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय हमारी मदद कर रहा है।

जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है, कम से कम दो रेलवे लाइनों के आज रात 8 बजे तक साइट पर चालू होने की उम्मीद है। हमें उम्मीद है कि ट्रेनें धीमी रफ्तार से दौड़ने लगेंगी। पूछताछ चल रही है, हम सभी एंगल से जांच कर रहे हैं। प्रथम दृष्टया यह सिग्नलिंग का मुद्दा प्रतीत होता है, लेकिन हम अभी तक कुछ भी प्रमाणित नहीं कर सकते हैं।  

उन्होंने बताया कि रेलवे ने हादसे के बाद सबसे पहले राहत और बचाव कार्य किया उसके बाद मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। बहानागा स्टेशन पर 4 लाइने हैं। इसमें 2 मेन लाइन है। लूप लाइन पर एक माल गाड़ी थी। स्टेशन पर ड्राइवर को ग्रीन सिग्नल मिली थी। दोनों गाड़ियां अपने पूरे गति पर चल रही थी। प्रारंभिक जांच में लग रहा है कि सिग्नल में गड़बड़ी हुई है। घटना की चपेट में सिर्फ कोरोमंडल आई थी।

जया वर्मा सिन्हा ने कवच पर बात करते हुए कहा कि कवच भारत में बनाया गया सिस्टम है। आने वाले भविष्य में हम इसका निर्यात भी कर सकेंगे। ये रेल की सुरक्षा से संबंधित है इसलिए हमने इसकी कड़ी टेस्टिंग की है। रेल मंत्री ने खुद ट्रेन में बैठ कर इसकी जांच की है। इस यंत्र को सभी लाइनों और ट्रेनों में लगाने में समय और पैसा लगेगा। शाम के करीब 8 बजे तक 2 लाइनें हमें मिल जाएंगी, जिस पर गाड़ी धीमी गति से निकलनी शुरू हो जाएगी। मामले की जांच चल रही है। प्रथम दृष्टया लगता है कि सिग्नल के कारण कोई समस्या हुई होगी।

रेल मंत्रालय का कहना है कि हमारा हेल्पलाइन नंबर 139 उपलब्ध है। यह कोई कॉल सेंटर नंबर नहीं है, हमारे वरिष्ठ अधिकारी कॉल का जवाब दे रहे हैं और हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। घायल या मृतक के परिवार के सदस्य हमें फोन कर सकते हैं और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वे उनसे मिल सकें। हम उनकी यात्रा और अन्य खर्चों का ध्यान रखेंगे।