PUJA-SINGHAL
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने झारखंड कैडर की निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल (IAS Puja Singhal) की धन शोधन (Money Laundering) के एक मामले में जमानत याचिका सोमवार को यह कहते हुए खारिज कर दी कि यह एक ‘‘असाधारण मामला” है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की निलंबित अधिकारी को जमानत देने से इनकार करने के झारखंड उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

शीर्ष न्यायालय ने कहा कि अभियोजन पक्ष के 17 गवाहों में से प्रवर्तन निदेशालय ने 12 से जिरह की है और उम्मीद है कि इस मामले में सुनवाई जल्द ही पूरी की जाएगी। उसने कहा, ‘‘आप जमानत के लिए थोड़ा और इंतजार किए। यह कोई सामान्य मामला नहीं बल्कि एक असाधारण मामला है। इस मामले में कुछ तो बहुत गलत है। हम इस याचिका पर सुनवाई करने के इच्छुक नहीं हैं। हम उम्मीद करते हैं कि मुकदमे की सुनवाई जल्द ही पूरी होगी।”

बहरहाल, न्यायालय ने सिंघल को मुकदमा लंबा चलने या परिस्थितियों में कोई बदलाव होने पर फिर से जमानत याचिका दायर करने की छूट दे दी। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि हिरासत की कुल अवधि में से उन्होंने ज्यादातर वक्त रांची में एक अस्पताल में बिताया है। उच्चतम न्यायालय ने 10 फरवरी 2023 को सिंघल को दो महीने के लिए अंतरिम जमानत दे दी थी ताकि वह अपनी बीमार बेटी की देखभाल कर सकें।

सिंघल धन शोधन के मामले के संबंध में उनसे जुड़ी संपत्तियों पर छापे मारे जाने के बाद 11 मई 2022 से हिरासत में हैं। यह मामला ग्रामीण रोजगार के लिए केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा के क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है। ईडी ने राज्य के खान विभाग की पूर्व सचिव सिंघल पर धन शोधन का आरोप लगाया है और उसके अधिकारियों ने धन शोधन के मामलों की दो अलग-अलग जांच के सिलसिले में कथित अवैध खनन के संबंध में 36 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की थी। सिंघल के अलावा ईडी ने उनके व्यवसायी पति, दंपति से जुड़े एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य लोगों के परिसरों पर भी छापे मारे थे। सिंघल को गिरफ्तारी के बाद निलंबित कर दिया गया था।(एजेंसी)