Ayodhya, Ayodhya Ram Mandir, Uttar Pradesh
राम लला

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अयोध्या:  राम नगरी में अयोध्या (Ayodhya) में भगवान श्री राम (Lord Rama) की मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratistha) होने के बाद अब हर कोई दर्शन के लिए बेताब नजर आ रहा है। वहीं पर राम मंदिर में दर्शन (Ram Mandir Darshan) करने के लिए देशभर से आए भक्तों के लिए मंदिर के द्वार खुल गए है जहां आज सुबह 7 बजे से दर्शन शुरू हो जाएंगे। 

राम लला की पूजा का विधान हुआ तय

राम मंदिर ट्रस्ट ने भगवान राम लला की पूजा अर्चना के लिए विधान तय कर दिया है। जिसके अनुसार श्री रामोपासना नाम से संहिता बनाई गई है, सुबह 3 बजे से पूजन और श्रृंगार की तैयारी हुई और 4 बजे भगवान राम लला को जगाया गया। नियम के मुताबिक राम लला को हर घंटे फल और दूध का भोग लगेगा, राम लला के दर्शन के लिए हर भक्तों को 15 से 20 सेकंड का समय मिलेगा।

 

दर्शन के लिए रहेगा 9 घंटे का समय

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट ने दर्शन के समय की जानकारी दी है। जिसके मुताबिक, मंदिर में दर्शन के लिए भक्त सुबह और शाम 9 घंटे के लिए दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए सुबह 7 बजे से 11.30 बजे तक और दोपहर के समय 2 बजे से 7 बजे तक दर्शन का समय तय किया गया है।

 

दर्शन के लिए पास किए जारी 

 भगवान राम लला की आरती में शामिल होने वाले भक्तों को एप के जरिए बुकिंग करानी होगी। इसके लिए पास जारी किए जा रहे है दर्शन से आधे घंटे पहले श्री राम जन्मभूमि कैंप के कार्यालय से प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए श्रद्धालुओं को वैलिड प्रूफ ले जाना होगा। पहले आए भक्तों को दर्शन के लिए मुफ्त पास भी जारी किए गए है जिसके तहत फिलहाल 30 लोगों को ही पास दिया जा रहा है। यहां पर https://online.srjbtkshetra.org/    पर जाकर दर्शन के लिए बुकिंग कर सकते है।

 

 एप के जरिए दर्शन होगें आसान

यहां पर अयोध्या विकास प्राधिकरण ने पर्यटन केंद्रित मोबाइल एप तैयार किया है जिस पर दर्शन से लेकर पर्यटन की जानकारी उपलब्ध होगी। इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करके श्रद्धालुओं को प्रमुख स्थलों, परिवहन और मैप की जानकारी मिलेगी। बता दें, राम मंदिर में पूर्वी दिशा से प्रवेश और दक्षिणी दिशा से निकासी की व्यवस्था की गई है। यहां मंदिर में दर्शन के लिए 32 सीढ़ियां होंगी। मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्री राम का बालरूप (श्री राम लला सरकार का विग्रह) तथा प्रथम तल पर श्री राम का दरबार होगा। इसके अलावा दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है। वहां पर जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है।