दिल्ली की एक अदालत विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' के सिलसिले में बीबीसी को उसके ब्रिटेन के पते पर नया समन जारी किया है। इस मामले को सुनवाई के लिए 27 अगस्त 2024 को सूचीबद्ध किया गया है।
नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत (Delhi Court) ने सोमवार को विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ के सिलसिले में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) को नया समन जारी किया है। अदालत ने बीबीसी के ब्रिटेन के पते पर समन भेजा है। समन जारी करने के पहले प्रयास असफल होने के बाद अदालत ने यह नया समन जारी किया है। इस मामले को सुनवाई के लिए 27 अगस्त 2024 को सूचीबद्ध किया गया है।
बता दें कि भाजपा नेता बिनय कुमार सिंह द्वारा मानहानि का मुकदमा दायर करने के बाद रोहिणी अदालत ने मई 2023 में बीबीसी को समन जारी किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को लेकर बीबीसी के अलावा विकिपीडिया और इंटरनेट आर्काइव को भी समन भेजा गया था।
Banned BBC documentary matter | Delhi court issues fresh summons to BBC at UK address. Summons issued earlier were not served. Matter listed in August for further hearing.
— ANI (@ANI) April 29, 2024
कुमार ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि डॉक्यूमेंट्री में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे संगठनों को बदनाम किया गया है। इस तरह के निराधार आरोपों से संगठनों और उनके स्वयंसेवकों की प्रतिष्ठा और छवि को नुकसान पहुंचने की संभावना है।
डॉक्यूमेंट्री में 2002 में गुजरात दंगों के दौरान एक विशेष समुदाय के खिलाफ कथित अत्याचारों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार बताया गया है। इसके अलावा दावा किया गया कि हिंसा के दौरान कम से कम 2,000 लोगों की हत्या कर दी गई, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम थे और उक्त हिंसा चरमपंथी हिंदू राष्ट्रवादी समूहों द्वारा आयोजित की गई थी। याचिकाकर्ता ने इस दावे का खंडन किया और इसे निराधार और अपमानजनक करार दिया है। उन्होंने कहा कि बीबीसी ने दावों की प्रामाणिकता की पुष्टि किए बिना रणनीतिक और जानबूझकर निराधार अफवाहें फैलाईं।
याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों को यह निर्देश देने की भी मांग की है कि वे वादी के साथ-साथ आरएसएस और वीएचपी से दो खंडों वाली डॉक्यूमेंट्री श्रृंखला में प्रकाशित अपमानजनक और अपमानजनक सामग्री के लिए बिना शर्त माफी मांगें। साथ ही डॉक्यूमेंट्री के कारण हुई कथित मानहानि के लिए 10 लाख रुपये का हर्जाना भी मांगा है।
गौरतलब है कि बीबीसी ने पिछले साल जनवरी में ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नामक दो भाग में एक नई डाक्यूमेंट्री सीरीज बनाई थी। यह सीरीज गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर आधारित है जब नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुरुआती दौर के राजनीतिक सफर पर बातें की गईं हैं। वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ उनके जुड़ाव, भाजपा में बढ़ते कद और गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति की चर्चा भी इसमें की गई है। हालांकि, भारत सरकार ने बीबीसी डाक्यूमेंट्री की निंदा की थी और इसे यूट्यूब और ट्विटर जैसे चुनिंदा प्लेटफार्मों से हटा दिया था।