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नई दिल्ली. जहां एक तरफ बीते 17 जुलाई को फ्रैंकफर्ट में भारतीय समुदाय ने भारी बारिश में भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया था और PM मोदी से 20 महीने से अधिक समय से बर्लिन में फोस्टर केयर में रह रही भारतीय बच्ची को बचाने का आग्रह किया था। इस बच्ची का नाम अरिहा शाह है और उसकी उम्र करीब दो साल है।

वहीं आज जर्मनी में भारतीय समुदाय के साथ अरिहा शाह(जर्मन पालन-पोषण में रहने वाली भारतीय बच्ची) को स्वतंत्रता दिवस मनाने की अनुमति देने के लिए जंतर-मंतर पर अरिहा शाह की मां ने उदास चहेरे और रुंधे गले के साथ अपना प्रदर्शन किया।

जानकारी दें कि भारतीय दंपत्ति- भावेश शाह, एक गुजराती सॉफ्टवेयर इंजीनियर और उनकी पत्नी धारा साल 2021 में बर्लिन चले गए थे। सितंबर में, बच्ची के बाहरी जननांग क्षेत्र में चोटें आईं थीं जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब बच्ची की मां धारा ने कहा था कि चोट तब लगी जब बच्ची की दादी, जो अपने पोती को देखने बर्लिन गई थी, ने “गलती से” उसे मारा।

इस घटना ने जर्मन अधिकारियों को बीते 23 सितंबर, 2021 को बच्चे को पालक देखभाल में रखने के लिए प्रेरित किया। जर्मन अधिकारियों ने अरिहा के माता-पिता धारा और भावेश शाह पर बच्ची के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था। तब से अरिहा अपने माता-पिता के बिना फोस्टर केयर में ही रह रही है।

दरअसल जर्मन अधिकारियों जांच के बाद, हमले के आरोप हटा दिए, और इसके बजाय माता-पिता पर लापरवाही का आरोप लगाया था। लेकिन यह मामला भी फरवरी 2022 में बंद कर दिया गया, उनके खिलाफ कोई औपचारिक आरोप दायर नहीं किया गया।

लेकिन इसके बावजूद भी जर्मन की चाइल्ड कैअर सेवाओं, जुगेंडैम्ट ने बच्चे को उसके माता-पिता को नहीं लौटाया और माता-पिता के अधिकारों की समाप्ति और बच्चे की स्थायी हिरासत के लिए नागरिक हिरासत का मामला भी दायर किया। तब से, बच्ची की माता-पिता धारा और भावेश शाह अपने मासूम बेटी की कस्टडी के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।  जानकारी दें कि, साल 2021 में नॉर्वे में हुए एक ऐसे ही मामले में सागरिका चक्रवर्ती के दो बच्चों को “अनुचित पालन-पोषण” का आरोप लगाने के बाद फोस्टर केयर में रखा गया था।