satyendra jain
File Photo of Satyendra Jain

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    नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन से पूछताछ के दौरान वकील की मौजूदगी की अनुमति देने वाले निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी है। जैन को धन शोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 30 मई को गिरफ्तार किया था।निचली अदालत ने जैन से पूछताछ के दौरान वकील की इतनी दूरी पर मौजूदगी की अनुमति दी थी, जहां से वह कुछ सुन नहीं सकते थे, लेकिन इस प्रक्रिया को देख सकते थे। 

    न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने कहा कि जब बयान दर्ज किये जाने के दौरान एक संभावित खतरा या दबाव बनाये जाने की वास्तविक आशंका का संकेत देने वाली विश्वसनीय सामग्री हो, तो इस तरह का निर्देश जारी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि मौजूदा विषय में कोई आशंका नहीं जताई गई है तो निर्देश नहीं दिया जाना चाहिए था। न्यायाधीश ने निर्देश को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर तीन जून को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। 

    न्यायाधीश ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता के खिलाफ कोई प्राथमिकी या शिकायत दर्ज नहीं है, ऐसे में वह अपना बयान दर्ज कराने के दौरान अपने वकील की उपस्थिती के अधिकार का दावा नहीं कर सकते हैं। अदालत ने कहा कि यदि बयान की वीडियोग्राफी की जाती है और ऑडियो रिकार्डिंग की जाती है तो यह किसी दबाव या धमकी की आशंका को दूर कर देगा। 

    स्थगन आदेश ईडी की याचिका पर जारी किया गया है, जिसने निचली अदालत के 31 मई के आदेश को चुनौती दी थी। निचली अदालत ने 31 मई से नौ जून तक हिरासत में जैन से पूछताछ के दौरान, कुछ दूरी पर, एक वकील की मौजूदगी की अनुमति दी थी। अदालत ने विषय की अगली सुनवाई 24 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दी। जैन को धन शोधन रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था और निचली अदालत ने 31 मई को उन्हें नौ जून तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था।  (एजेंसी)