दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया पर फैलाए गये केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो के सिलसिले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को समन जारी कर उन्हें 1 मई को पूछताछ के लिए बुलाया है।
नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने सोशल मीडिया पर फैलाए गये केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के कथित फर्जी वीडियो के सिलसिले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को एक मई को जांच में शामिल होने को कहा है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने रेड्डी समेत कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के पांच सदस्यों को नोटिस भेजा है।
रेड्डी ने उक्त वीडियो ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था। सूत्रों ने बताया कि रेड्डी को पूछताछ के दौरान अपना मोबाइल फोन साथ में लाने को कहा गया है जिसका कथित इस्तेमाल फर्जी वीडियो ‘एक्स’ पर साझा करने में किया गया था।
Fake video of Union Home Minister Amit Shah | Telangana CM Revanth Reddy has been summoned to appear before Delhi Police's IFSO unit (Cyber Unit) on 1st May to join the investigation. He has been asked to appear with his mobile phone allegedly used for posting the fake video on X…
— ANI (@ANI) April 29, 2024
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने सोशल मीडिया मंचों पर शाह का फर्जी वीडियो फैलाए जाने के सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद रविवार को प्राथमिकी दर्ज की थी। कथित फर्जी वीडियो में, तेलंगाना में धार्मिक आधार पर मुसलमानों के लिए आरक्षण समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताने का संकेत देने संबंधी शाह के बयान को तोड़-मरोड़कर इस तरह दिखाया गया है जैसे कि वह हर तरह का आरक्षण समाप्त करने की वकालत कर रहे हों। उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के अनेक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के सूत्रों ने बताया कि देशभर में इस मामले में गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इससे पहले, भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस की तेलंगाना इकाई शाह का एक फर्जी वीडियो फैला रही है जिसे काट-छांट कर तैयार किया गया है और इससे हिंसा भड़क सकती है। भाजपा ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इस बीच, विशेष प्रकोष्ठ की ‘इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशन्स’ (आईएफएसओ) इकाई ने सोशल मीडिया मंचों से संपर्क कर वीडियो के स्रोत और इसे फैलाने वालों का पता लगाने को कहा है।
एक अन्य सूत्र ने कहा, “हमने मामले की उपयुक्त जांच के लिए और प्रमुख दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए कई दल बनाए हैं। हमने ‘एक्स’ (पूर्ववर्ती ट्विटर) और अन्य सोशल मीडिया मंचों को वीडियो के बारे में जानकारी दी है। हम वीडियो के स्रोत का और इसे व्यापक रूप से फैलाने के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं।”
‘आई4सी’ के सिंकू शरण सिंह द्वारा दायर शिकायत के अनुसार सोशल मीडिया पर, छेड़छाड़ कर बनाये गए कुछ वीडियो साझा किए जा रहे हैं और इसके पीछे समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने की मंशा है जिससे समाज में अमन-चैन बिगड़ने की संभावना है। शिकायत में कहा गया है, “आपसे अनुरोध किया जाता है कि कृपया कानून के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कानूनी कार्रवाई करें।” (एजेंसी)