
नई दिल्ली: दिवाली (Diwali 2023) का पर्व लोगों में उत्साह और उमंग लेकर आता है। दिवाली आने में अब बस कुछ दिन ही बचे हैं। ऐसे में दिवाली के लिए लोगों खरीदारी कर रहे हैं। कोई नए कपड़े खरीद रहा है तो कोई घर के सजावट का सामान वहीं कोई पटाखे (Firecrackers) खरीद रहा है। पटाखों की दुकान से मार्केट सज गया है। दरअसल इस साल भी दिवाली के मौके पर हर विभाग में पटाखे बेचने वाले स्टॉल लगाने की इजाजत दी गई है। नियमों का पालन करते हुए इस स्टॉल को लगाने की अनुमति दी गई है। आइए जानते है क्या है नियम…
पटाखों को लेकर ये हैं नियम
आज हम आपको पटाखे खरेदी और बिक्री को लेकर एक महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे है। ऐसे में आप इस दिवाली पर पटाखे खरीदते और बेचते समय सावधान रहें। जानकारी के लिए पटाखे विक्रेता और खरीदार को बता दें कि 125 डेसीबल से अधिक ध्वनि स्तर वाले पटाखे न बेचने की सलाह दी गई है। ऐसे में अब अगर 125 डेसीबल से अधिक ध्वनि स्तर वाले पटाखे आपको मार्केट में दिखते है तो उस पटाखे को न खरीदें। इस दिवाली पटाखे जलाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सेहत के साथ-साथ दूसरों को भी नुकसान न पहुंचे। आइए जानते है पटाखों को लेकर कौन सी सावधानियां हमें बरतनी है।
मनाएं पर्यावरण-अनुकूल दिवाली
ऐसे में अब हम आपको बता दें कि पटाखे खरीदने और बेचने के कुछ नियम हैं। इस दिवाली बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नागरिकों से अनुरोध है कि वे उन नियमों का पालन करें। दरअसल प्रत्येक अनुभाग को सुरक्षित स्थानों पर स्टॉल लगाने की अनुमति है। इसके साथ ही पटाखा विक्रेता सावधान रहें कि आग न लगें। दिवाली के मद्देनजर, नगर निगम आयुक्त राजेश नार्वेकर ने पर्यावरण-अनुकूल दिवाली मनाने का आह्वान किया। पटाखा विक्रेताओं और नागरिकों से भी नियमों का पालन करने का आग्रह किया गया है। पटाखा विक्रेता को यह ध्यान रखना है की उनके दुकान में अग्निशामक यंत्र मौजूद हो।
पटाखा विक्रेता ‘इन’ बातों का रखें ध्यान
- सुरक्षित जगह लगाएं पटाखे की दुकान
- स्टॉल में आग लगने की स्थिति में उसे बुझाने के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
- सुरक्षा के लिए दिए गए निर्देशों का पालन करें।
- 125 डेसीबल से अधिक ध्वनि वाले पटाखों की बिक्री नहीं।
पटाखे खरीदते वक्त बरतें ‘ये’ सावधानी
- सबसे पहले आप तेज आवाज वाले पटाखे न खरीदें।
- पुराने पटाखे न खरीदें, इससे नुकसान हो सकता है।
- इस बात का ध्यान रखना होगा कि पटाखों से कहीं भी आग न लगे।
- शोर के कारण पड़ोसियों और वरिष्ठ नागरिकों को परेशानी न हो इसका ध्यान रखना चाहिए।
- प्रदूषण रहित दिवाली मनाएं।