नई दिल्ली: भारत के निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray Faction) को ‘मशाल’ का चुनाव चिह्न दिया है। वहीं, ठाकरे गुट की पार्टी का नाम ‘शिवसेना उद्धव बाला साहब ठाकरे’ होगा। बता दें कि, आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को अंतरिम आदेश के तहत आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जलती हुई मशाल चुनाव चिन्ह (Flaming Torch) आवंटित किया है।
नए विकल्प दे शिंदे गुट
वहीं, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के गुट की पार्टी का नाम ‘बालासाहेबांची शिवसेना’ होगा। आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट द्वारा चुनाव चिह्न को लेकर भेजे गए तीनों सुझावों मान्य नहीं किया है, क्योंकि, शिंदे गुट ने अपने विकल्पों के तौर पर गदा, उगता सूरज और त्रिशूल में से कोई एक चिह्न मांगा था। जिसे आयोग ने त्रिशूल, गदा को धार्मिक आधार पर अयोग्य करार दिया, वहीं ‘उगता सूरज’ पहले से एक राजनितिक पार्टी को दिया गया है। अब आयोग ने शिंदे गुट को फिर से कल सुबह 10 बजे तक 3 चुनाव चिह्न भेजने को कहा है। जिसके अधर२पर आयोग फैसला लेगा।
EC writes to Shinde faction & Thackeray faction; allots the name 'Balasahebanchi ShivSena' to Shinde faction &'ShivSena (Uddhav Balasaheb Thackeray) to Thackeray faction, declines to allot 'Trishul', 'Rising Sun' & 'Gada' as symbols as they are "not in the list of free symbols" pic.twitter.com/1oz0YMSYQk
— ANI (@ANI) October 10, 2022
उद्धव गुट को इसलिए नहीं मिला त्रिशूल और उगता सूरज
गौर हो कि, उद्धव गुट को ‘त्रिशूल’ का चिह्न इसलिए नहीं मिला क्योंकि इसका धार्मिक संकेत है। वहीं, ‘उगता सूरज’ इसलिए नहीं दिया गया क्योंकि यह पहले से ही द्रमुक का चुनाव चिन्ह है। वहीं, ‘मशाल’ चुनाव चिह्न 2004 तक समता पार्टी के पास था। लेकिन उसके बाद यह किसी पार्टी को नहीं दिया गया , इसलिए ठाकरे गुट को यह चिह्न आवंटित किया गया है।
दोनों गुट चाहते थे शिवसेना (बालासाहेब ठाकरे) नाम
गौरतलब है कि, सिंबल को फ्रीज़ करने के बाद, चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह के तीन विकल्प और नए नाम मांगे थे। जिसके बाद दोनों गुट शिवसेना (बालासाहेब ठाकरे) यह नाम चाहते थे। वहीं, आयोग ने दोनों गुटों की समान मांग को देखते हुए किसी को भी यह नाम नहीं दिया।