Kailas Gehlot

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नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश हुए। जांच एजेंसी ने करीब पांच घंटे उनसे पूछताछ की। ईडी समन जारी कर आप सरकार के मंत्री को पूछताछ के लिए बुलाया था। बताया जा रहा है कि ईडी ने कैलाश गहलोत से नीति के ड्राफ्ट को तैयार करने में उनकी कथित भूमिका को लेकर पूछताछ की। 

सूत्रों के हवाले से पता चला है कि कैलाश गहलोत ने कहा, ”विजय नायर मेरे सरकारी आवास पर रहते हैं, निजी कारणों की वजह से मेरा परिवार शिफ्ट नहीं हुआ था।” गहलोत ने कहा, ”ईडी अगर बुलाएगी तो मैं आगे भी आऊंगा।” उन्होंने कहा, ”मुझे आतिशी के गोवा चुनाव प्रभारी होने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।” आप के मंत्री ने कहा, ”ईडी ने जो भी सवाल पूछे, मैंने सभी का जवाब दिया। मैंने पूरा सहयोग किया।” उन्होंने यह भी कहा, ”विजय नायर के बारे में पूछा गया। कभी मैं उस घर में शिफ्ट नहीं हुआ।” उन्होंने कहा, ”विजय नायर वहां रह रहे थे, इसकी जानकारी मुझे नहीं है, यही बात हमने कही।”

आप के मंत्री ने आगे कहा, ”यह दूसरा समन था, एक महीना पहले पहला समन आया था लेकिन मैं उपस्थित नहीं हुआ था क्योंकि बजट सेशन चल रहा था।” अरविंद केजरीवाल 9 समन के बाद भी पेश नहीं हुए, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ”इस पर मैं कुछ नहीं कहूंगा।” दिल्ली के मंत्री ने आगे कहा, ”गोवा के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं हैं, मेरे संज्ञान में कुछ नहीं है तो मेरे लिए कहना मुश्किल हैं।” उन्होंने कहा, ”ईडी ने क्या सवाल किए, यह मैं नहीं बता सकता।” उन्होंने कहा, ”GoM की बैठक में जो नीतियां बनी वही दिया गया, पॉलिसी ड्राफ्ट को लेकर भी सवाल पूछे गए। करीब साढ़े पांच घंटे पूछताछ हुई।” उन्होंने कहा, ”कोई घोटाला नहीं हुआ। जैसे जैसे जांच आगे बढ़ेगी यह स्पष्ट हो जाएगा।”

जानकारी के लिए बता दें कि यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से जुड़ा है। दिल्ली सरकार की विवादित आबकारी नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था। दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके बाद ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया। इस मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को ईडी ने पहले गिरफ्तार किया था और वे न्यायिक हिरासत में हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल को ईडी ने धनशोधन मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था और बृहस्पतिवार को एक अदालत ने ईडी की उनकी हिरासत एक अप्रैल तक बढ़ा दी।